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शौचालय नहीं है, बाहर जाने पर टोकते हैं गांव वाले

मीलों का सफर तय करके आए लोगों को घर पहुंचने की जल्दी है। जब कि सरकार के निर्देश के तहत सभी को पहले क्वारंटाइन कराने और उनकी जांच के बाद ही घर भेजना है। यही वजह है कि लोगों को क्वारंटाइन सेंटर में रखा जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 May 2020 10:20 PM (IST)Updated: Sun, 17 May 2020 06:04 AM (IST)
शौचालय नहीं है, बाहर जाने पर टोकते हैं गांव वाले
शौचालय नहीं है, बाहर जाने पर टोकते हैं गांव वाले

संसू, कुंडा : मीलों का सफर तय करके आए लोगों को घर पहुंचने की जल्दी है। जब कि सरकार के निर्देश के तहत सभी को पहले क्वारंटाइन कराने और उनकी जांच के बाद ही घर भेजना है। यही वजह है कि लोगों को क्वारंटाइन सेंटर में रखा जा रहा है। कई स्थानों पर अव्यवस्था भी देखी जा रही है। दैनिक जागरण टीम ने शनिवार को कुछ क्वारंटाइन सेंटर का दौरा किया, पेश है वहां का आंखों देखा हाल::--

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कुंडा तहसील के ताजपुर प्राथमिक विद्यालय में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर में मुंबई और गुजरात के कई श्रमिक क्वारंटाइन हैं। सेंटर पर दोनों वक्त का भोजन घर से आता है। यहां प्रशासन की तरफ से कोई व्यवस्था नहीं है। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि बजट की कोई व्यवस्था नहीं है। लोगों को घर से ही भोजन मंगाना पड़ेगा। कई ऐसे लोग भी हैं, जिनके घर से भोजन नहीं आ पा रहा, उन्हें साथी श्रमिक भोजन करा रहे हैं। यहां रह रहे लोगों को संतोष इस बात का है कि उनकी जांच समय पर हो गई। दो दिन बाद यहां से उन्हें घर जाने का मौका मिल जाएगा। यहां पर सूरत से आए शिव प्रसाद, अशर्फी लाल, राम मोहन, विनोद कुमार, राम अवतार बड़े दुखी हैं। इनका कहना है कि न तो खाना मिलता है न शुद्ध पानी। हालांकि ग्राम सभा की तरफ से महज बिजली व विद्यालयों में पंखे हैं, जिनके सहारे यहां लोग किसी तरह रह रहे हैं। यहां लोगों को शौचालय के लिए बाहर जाना पड़ता है क्योंकि जो शौचालय बने हैं, उनकी स्थिति दयनीय है। खेतों में शौचालय जाने पर ग्रामीणों द्वारा उन्हें टोका जाता है। स्थिति तब खराब हो जाती है, जब ग्रामीण लौटने पर विवश कर देते हैं। पीने के लिए पानी का भी इंतजाम नहीं

देहगरी जमालपुर के पूरे धनऊ प्रात स्थित प्राथमिक विद्यालय में क्वारंटाइन किए गए बबलू कोरी, राम बाबू, सुशील, गोविद, राज कुमार, बच्चा आदि का कहना है कि उन लोगों को महज विद्यालय दिया गया है, लेकिन सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं है। न तो चारपाई, न खाना, न साफ पानी की व्यवस्था है। रात भर मच्छर काटते हैं। गर्मी में छोटे बच्चों की हालत खराब हो जाती है। जरूरत के सामानों के लिए स्वजनों को कहना पड़ रहा है, जबकि सरकार द्वारा क्वारंटाइन किए गए लोगों को जरूरत के सामनों की सुविधा देनी चाहिए। किसी तरह घर पहुंच जाएं, फिर कोई शिकायत नहीं रहेगी। गंदगी की समस्या से जूझ रहे लोग

नगर के क्वांटाइन सेंटर बने सरयू प्रसाद इंटर मीडिया कालेज का भी हाल खराब है। यहां पर 56 लोगों को क्वारंटाइन किया गया है, इन लोगों को दो समय का खाना दिया जाता है। श़ुद्ध पानी की व्यवस्था नहीं है। साफ-सफाई नहीं है, ऐसे में क्वारंटाइन किए गए लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। तहसीलदार राम जनम यादव का कहना है कि क्वारंटाइन सेंटरों में जो भी सुविधाएं होनी चाहिए, उसे पूरा किया जा रहा है। व्यवस्था में किसी तरह की कोई समस्या नहीं है।


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