116 गांवों में ठप मनरेगा का कार्य, मजदूर हुए बेरोजगार
प्रतापगढ़ । मनरेगा मजदूरों को 100 दिन रोजगार देने का दावा हवा-हवाई साबित हो रहा है। का
प्रतापगढ़ । मनरेगा मजदूरों को 100 दिन रोजगार देने का दावा हवा-हवाई साबित हो रहा है। काम न मिलने से मजदूरों का परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच गया है। आय न होने से उनके बच्चों की फीस, घर का खर्च नहीं चल पा रहा है। प्रधान के यहां चक्कर लगाने के बाद भी उनको रोजगार नहीं दिया गया। अब वह इसकी उम्मीद ही छोड़ चुके हैं। दूसरे काम की तलाश में है। कई ने शुरू भी कर दिए हैं।
जिले भर में 17 ब्लाक हैं। इसके अंतर्गत एक हजार 193 ग्राम पंचायतें हैं। करीब एक लाख 35 हजार मनरेगा मजदूर हैं। सदर, मानधाता, संडवा चंद्रिका सहित कई ब्लाक की 116 ग्राम पंचायतों में मनरेगा का कार्य ठप पड़ा है। गांव में मनरेगा से चकरोड, भूमि का समतलीकरण, तालाब का बंधा निर्माण सहित अन्य कार्य न होने से मजदूर बेरोजगार हो गए हैं। रोजगार न मिलने से उनकी आय नहीं हो रही है। ऐसे में उनका परिवार संकट से गुजर रहा है। मानधाता ब्लाक की ग्राम पंचायत भरतपुर बआपुर गांव में दैनिक जागरण की टीम बुधवार को पहुंची। मनरेगा मजदूरों ने अपनी पीड़ा बताई। रोजगार न मिलने से उनका परिवार दाने-दाने को मोहताज हो गया है। वह किसी तरह से अपने परिवार का जीविकोपार्जन चला रहे हैं। इस तरह से कई और गांव हैं जहां मजदूर काम की तलाश में दर-दर भटक रहे हैं। प्रधान व सचिव उनको रोजगार नहीं दिला पा रहे हैं। डीसी मनरेगा डा. एनएन मिश्रा ने बताया कि जिन गांवों में मनरेगा मजदूरों को रोजगार नहीं दिया जाएगा। संबंधित गांव के सचिव समेत के विरुद्ध कड़ा कदम उठाया जाएगा।
---
बोले मनरेगा मजदूर--
फोटो : 15 पीआरटी 12
कई माह से मनरेगा से रोजगार नहीं दिया जा रहा है। आय न होने से परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच गया है। परिवार तनाव में है।
- ओम प्रकाश
---
फोटो : 15 पीआरटी 13
साल भर में 100 दिन रोजगार देने का दावा सरकार कर रही है। गांव में तो कई दिनों से काम नहीं मिला। प्रधान भी नजरअंदाज कर रहे हैं।
- राम अंजोर सरोज
---
फोटो : 15 पीआरटी 14
पांच साल पहले मनरेगा से काम मिला था। उस दौरान मेठ के तौर पर काम कर रहे थे। अब काम न मिलने से दूसरी जगह पर राजगीर के तौर पर काम करने लगे।
- श्रीराम सरोज
---
फोटो : 15 पीआरटी 15
कई माह तक इंतजार किए, लेकिन जब मनरेगा से काम नहीं मिला तो अंत में बढ़ई का काम शुरू करने का निर्णय लिए। कागजों में रोजगार दिया जा रहा है।
- बृजलाल