हर माह लाखों रुपये हो रहे खर्च, गंदगी से नहीं मिल रही निजात
नगरीय क्षेत्र के कई नाले पॉलीथिन सहित अन्य कचरे के मलबे से पटे हुए हैं। नाले में पानी निकलने के बजाय ओवरफ्लो होकर आसपास बहता रहता है। दुर्गंध से मोहल्ले के लोगों का जीना मुहाल हो गया। हर माह सफाई के नाम पर लाखों रुपये खर्च हो रहे हैं लेकिन नागरिकों को गंदगी से निजात नहीं मिल रही है। शहर के नाले की नियमित सफाई न होने से लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। न चाहते हुए लोगों को घरों के सामने नाले व नालियों की सफाई करनी पड़ रही है।
प्रतापगढ़ : नगरीय क्षेत्र के कई नाले पॉलीथिन सहित अन्य कचरे के मलबे से पटे हुए हैं। नाले में पानी निकलने के बजाय ओवरफ्लो होकर आसपास बहता रहता है। दुर्गंध से मोहल्ले के लोगों का जीना मुहाल हो गया। हर माह सफाई के नाम पर लाखों रुपये खर्च हो रहे हैं, लेकिन नागरिकों को गंदगी से निजात नहीं मिल रही है। शहर के नाले की नियमित सफाई न होने से लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। न चाहते हुए लोगों को घरों के सामने नाले व नालियों की सफाई करनी पड़ रही है।
नगरपालिका में सफाई कर्मचारियों की संख्या करीब 300 है। इसमें ठेके के 150, संविदा के 67 और 93 सरकारी सफाई कर्मी हैं। इसके बावजूद समय-समय पर नाले व नालियों की सफाई नहीं कराई जा रही है। शहर के पुराना माल गोदाम के पास करीब दो माह से नाले की सफाई नहीं हुई है। इससे नाला पूरी तरह से चोक हो गया है। नाले का पानी सड़कों पर बहता है। बदबू के कारण लोग परेशान हैं। दुर्गंध से मुक्ति पानी के लिए लोग स्वयं ही सफाई कर कर रहे हैं। सफाई कर्मचारियों से लोगों ने उम्मीद छोड़ दी है। यह स्थिति सिर्फ एक गली या वार्ड की नहीं है। शहर की कई नाले चोक हैं। शहर के भंगवा चुंगी के पास नाला चोक होने से सड़क पर पानी भरता है। वार्ड के लोग कई बार शिकायत कर चुके हैं, उसके बावजूद नाले की सफाई नहीं कराई जा रही है। अस्पताल वार्ड में स्थिति यह है कि कई दिनों से नाला साफ न होने से बदबू के कारण दुकानदारों के साथ-साथ आम लोग परेशान हैं। शहर के टक्करगंज के सनी रावत, पवन कुमार, सहोदरपुर पूर्वी के उदय चंद्र, स्टेशन रोड निवासी विपिन सोनी, सहोदरपुर पश्चिमी के शकील अहमद, तहसील वार्ड के हरिशंकर चौरसिया बताते हैं कि नियमित रूप से नाले की सफाई नहीं होती है। माह भर में एक बार नाले की सफाई होती है। इससे मच्छरों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। जो लागों के लिए घातक है। नगर पालिका के सफाई एवं खाद्य निरीक्षक एसके सिंह ने बताया कि नाले में सिल्ट एकत्रित होने के बाद उसकी सफाई कराई जाती है। माह भर में एक बार सभी नाले की सफाई हो जाती है। संस्था को मिलता है हर माह 12 से 13 लाख
वार्ड के सभी घरों से कूड़ा लेने की जिम्मेदारी ग्वालियर की एक एजेंसी को मिली है। रोजाना नगर क्षेत्र से 40 से 50 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है। एक मीट्रिक टन कूड़ा उठाने के एवज में संस्था को करीब 1100 रुपये मिलता है। ऐसे में हर माह नगर क्षेत्र से निकलने वाले 12 से 13 टन कूड़ा उठाने के एवज में 12 से 13 लाख रुपये मिलता है। इतना खर्च होने के बाद भी शहर में सफाई व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहा हैं। वहीं संस्था के कर्मी कूड़ा लेने के नाम पर उनसे सुविधा शुल्क लेने की भी बात सामने आ चुकी है।