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हंगामे के भेंट चढ़ी कोटा चयन की बैठक, नहीं हो सका चुनाव

विकास खंड पट्टी के बसौली गांव में कोटेदार के चयन के लिए शनिवार सुबह 11 बजे प्रधान व सेक्रेटरी की उपस्थिति में खुली बैठक की गई। इसमें ग्रामीणों के बीच जमकर नोकझोंक हुई। इससे कोटे के चुनाव नहीं हो सका। शासन के निर्देशानुसार कोटा लेने के लिए आवेदक स्वयं सहायता समूह का सदस्य होना चाहिए। जो समूह सात जुलाई 2020 के पहले पंजीकृत होंगे उन्हें वरीयता दी जाएगी। पात्रता न पूरी कर पाने पर कोटा लेने के दावेदारों के बीच उहापोह की स्थिति बनी रही।

By JagranEdited By: Published: Sat, 28 Nov 2020 11:12 PM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2020 11:12 PM (IST)
हंगामे के भेंट चढ़ी कोटा चयन की बैठक, नहीं हो सका चुनाव
हंगामे के भेंट चढ़ी कोटा चयन की बैठक, नहीं हो सका चुनाव

संसू, मंगरौरा : विकास खंड पट्टी के बसौली गांव में कोटेदार के चयन के लिए शनिवार सुबह 11 बजे प्रधान व सेक्रेटरी की उपस्थिति में खुली बैठक की गई। इसमें ग्रामीणों के बीच जमकर नोकझोंक हुई। इससे कोटे के चुनाव नहीं हो सका। शासन के निर्देशानुसार कोटा लेने के लिए आवेदक स्वयं सहायता समूह का सदस्य होना चाहिए। जो समूह सात जुलाई 2020 के पहले पंजीकृत होंगे, उन्हें वरीयता दी जाएगी। पात्रता न पूरी कर पाने पर कोटा लेने के दावेदारों के बीच उहापोह की स्थिति बनी रही। सेक्रेटरी अनिल कुमार ने कोरम पूरा करने के लिए बैठक रजिस्टर पर वहां उपस्थित ग्रामीणों का हस्ताक्षर लेना चाहा तो ग्रामीणों ने शोर मचाना शुरू कर दिया। ग्रामीणों का कहना था कि रजिस्टर पर पहले कार्यवाही लिखी जाय। ग्रामीणों में हस्ताक्षर के बाद उस पर ही कोटे का चयन करने की सुगबुगाहट थी। एक समूह की महिलाओं ने भी कोटा लेने का दावा ठोंक दिया। ग्रामीण बैठक की पूर्व सूचना देने व आवेदक की पात्रता का प्रचार प्रसार करने की मांग को लेकर जमकर हंगामा करने लगे। काफी हंगामे के बाद सेक्रेटरी व प्रधान ने चुनाव को स्थगित करते हुए बैठक समाप्त कर दिया। सेक्रेटरी अनिल कुमार ने बताया ग्रामीणों के हंगामे के बीच चुनाव नहीं हो सका, इसकी जानकारी ब्लाक में दे दी गई है, अगली सूचना आने तक चुनाव स्थगित कर दिया गया है। पैसा लेकर टिकट बेचने का आरपीएफ सिपाही पर आरोप

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संवाद सूत्र, प्रतापगढ़ : रेलवे सुरक्षा बल के सिपाही डीपी सिंह पर दलालों से पैसा लेकर टिकट बेचने का आरोप लगा है। कोतवाली नगर के पूर्वी सहोदरपुर के अधिवक्ता शकील अहमद ने अधिकारियों को दिए शिकायती पत्र में आरोप लगाया है कि 27 नवंबर को वह स्लीपर टिकट के लिए लाइन में लगे थे। उनका दूसरा नंबर था। रात में आरपीएफ सिपाही डीपी पहुंचा। उसने लाइन से हटने के लिए कहा। न हटने पर सुविधा शुल्क की मांग की। न देने पर उसने उनके स्थान पर दूसरे व्यक्ति को खड़ा कर दिया। जो दलाल का साथी था। शकील ने स्टेशन अधीक्षक, आरपीएफ और डीएम से मामले की जांच कराकर सिपाही के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। सूत्रों के अनुसार आरक्षण दफ्तर इन दिनों गुटबाजी का शिकार हो गया है। आरक्षण कर्मी ही पेशबंदी में एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत करवा रहे हैं। दो दिन पहले सीआरएस और ईआरएस की शिकायत भी पेशबंदी बताई गई। मामला जो भी हो लेकिन ऐसा करने से रेलवे की छवि को नुकसान पहुंचेगा। इंस्पेक्टर आरपीएफ सीपी मिश्रा का कहना है कि सिपाही पर जो आरोप लगा है, स्टेशन अधीक्षक के जरिए इसकी जानकारी मिली है। जांच कराई जा रही है।


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