गंगा एक्सप्रेस-वे से सीधे जुड़ जाएगा आधा जिला
विकास को रफ्तार देने के लिए योगी सरकार ने अपने चार साल के कार्यकाल में गंगा एक्सप्रेस वे से प्रतापगढ़ को भी सीधे जोड़ा है। कुंडा तहसील क्षेत्र के 43 और लालगंज के दर्जनभर गांवों से होकर करीब 15 किमी में यह गुजरेगा। इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है। राज्य सरकार ने संबंधित एसडीएम से उन किसानों की सूची मांगी है जिनकी जमीन इस प्रोजेक्ट में पड़ रही हैं और उनका अधिग्रहण किया जाना है। एक्सप्रेस वे बनने से प्रतापगढ़ के लोगों को मुख्य धारा में शामिल करने में आसानी होगी।
जागरण संवाददाता, प्रतापगढ़ : विकास को रफ्तार देने के लिए योगी सरकार ने अपने चार साल के कार्यकाल में गंगा एक्सप्रेस वे से प्रतापगढ़ को भी सीधे जोड़ा है। कुंडा तहसील क्षेत्र के 43 और लालगंज के दर्जनभर गांवों से होकर करीब 15 किमी में यह गुजरेगा। इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है। राज्य सरकार ने संबंधित एसडीएम से उन किसानों की सूची मांगी है, जिनकी जमीन इस प्रोजेक्ट में पड़ रही हैं और उनका अधिग्रहण किया जाना है। एक्सप्रेस वे बनने से प्रतापगढ़ के लोगों को मुख्य धारा में शामिल करने में आसानी होगी।
जिले में बीत रहे चार साल में योगी सरकार ने कई सड़कों की सौगात दी। मोहनगंज से श्रृंगवेरपुर तक रामवन गमन मार्ग मंजूर किया। सबसे बड़ी उपलब्धि के रूप में यह एक्सप्रेस वे मिला, जो मेरठ से गाजियाबाद होते हुए विभिन्न शहरों को टच करते हुए उन्नाव, रायबरेली के बाद प्रतापगढ़ की सीमा में लालगंज तहसील के परशुरामपुर में टच करेगा। उस रेंज के दर्जनभर गांव इससे कनेक्ट होकर विकास की दौड़ में चल निकलेंगे। इसके बाद कुंडा तहसील क्षेत्र शुरू हो जाएगा। वहां के सांडा हर्षपुर, कोटिला बादी, गुजवर, चौरंग, सराय छत्ता, भवानीगंज कोटा, पूरे दयाल, राय असकरनपुर, गिस्था, पनाहनगर, झींगुर, अठैसा, प्रीतमपुर, भैंसना, चेतरा, गोपालपुर, महेवा मलकिया, महेशगंज, बहोरिकपुर, सराय बबुइन, धमावा, गोगौरी, भाट पुरवा, गोगौर, नौढिय़ा के बाद प्रयागराज की सीमा को टच करेगा। एडीएम शत्रोहन वैश्य का कहना है कि यहां के उन किसानों की सूची बन गई जो अपनी जमीन इस प्रोजेक्ट के लिए सरकार को देंगे। सरकार उनको मुआवजा देगी।
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साल भर रुका रहा कार्य
यह काम बीते साल ही पूरा हो जाना था, पर कोरोना के कहर ने सारा काम रोक दिया था। इसी साल इस पर काम शुरू होने व 2024 में पूरा होने की उम्मीद है। गंगा में रहने वाले जीवों को वाहनों के प्रदूषण से कोई नुकसान न हो इसके लिए वे को गंगा से काफी दूर कर दिया गया।
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बचाई गई फलपट्टी
कुंडा को मैंगो जोन भी कहा जाता है। गंगा एक्सप्रेस वे का मैप बनाने के बाद उसे फलपट्टी क्षेत्र से दूर किया गया। एक्सप्रेस वे 13 मीटर ऊंचा होने के चलते इसके दोनों तरफ सर्विस रूट बनाया जाएगा। यानी आम लोगों के लिए सड़कें बनेंगी। इस पर चढ़ने के संसाधन बनाए जाएंगे। योगी सरकार ने एक्सप्रेस वे तो दिया, पर हवाईपट्टी उपेक्षित रही। पिरथीगंज में हवाई पट्टी है, पर उसके विकास की कोई रूपरेखा नहीं बन सकी।