बकुलाही नदी के किनारे के गांवों में फैलेगी हरियाली
हरे पेड़ों के कटान जोरों से चल रहा है। आए दिन हरे पेड़ काटे जाने की शिकायत अफसरों तक पहुंचती रहती है। पेड़ों के कटाने से पर्यावरण खतरे में है। इसका प्रभाव आम जनमानस पर भी पड़ रहा है। जंगल खत्म होने से बरसात भी पहले जैसे नहीं हो रही है। ऐसे में पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से मानधाता ब्लॉक की ग्राम पंचायतों से गुजरी बकुलाही नदी के किनारे के खाली पड़ी जमीनों पर व्यापक स्तर पर पौधरोपण किए जाने का निर्णय लिया गया है। यह कदम अन्य जिलों के लिए भी प्रेरणापद होगा।
संवाद सूत्र, प्रतापगढ़ : हरे पेड़ों के कटान जोरों से चल रहा है। आए दिन हरे पेड़ काटे जाने की शिकायत अफसरों तक पहुंचती रहती है। पेड़ों के कटाने से पर्यावरण खतरे में है। इसका प्रभाव आम जनमानस पर भी पड़ रहा है। जंगल खत्म होने से बरसात भी पहले जैसे नहीं हो रही है। ऐसे में पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से मानधाता ब्लॉक की ग्राम पंचायतों से गुजरी बकुलाही नदी के किनारे के खाली पड़ी जमीनों पर व्यापक स्तर पर पौधरोपण किए जाने का निर्णय लिया गया है। यह कदम अन्य जिलों के लिए भी प्रेरणापद होगा।
जिले भर में सबसे अधिक ग्राम पंचायतों वाला ब्लाक मानधाता है। ब्लाक के अंतर्गत करीब 101 ग्राम पंचायतें हैं। ब्लाक के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत जमुआ, पूरे तोरई, गौरा, शोभीपुर, मिश्रपुर, ढेमा सहित दर्जनभर गांवों में नीम, महुआ, बांस, पीपल, आम सहित अन्य तरह के पौधे रोपे जाएंगे। यह पौधारोपण ग्राम पंचायतों से गुजरी बकुलाही नदी के किनारे की खाली पड़ी जमीनों पर होगा। करीब 13 बीघे जमीन पर व्यापक स्तर पर पौधारोपण किए जाने की योजना है। इसकी कार्ययोजना तैयार करके शासन में भेजा गया है। बरसात शुरू होते ही सबसे पहले पौधरोपण होगा। ब्लाक के बीडीओ डॉ. आरसी शर्मा, डीसी मनरेगा रहे अजय कुमार पांडेय ने इसकी रिपोर्ट तैयार की थी। इसके बाद इसे सीडीओ को भेजी गई है। परियोजना निदेशक/बीडीओ डॉ. आरसी शर्मा ने बताया कि बकुलाही नदी के किनारे के कई गांवों में खाली पड़ी जमीन पर पौधारोपण कराया जाएगा। इसकी सारी तैयारियां पूरी हो चुकी है।
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मनरेगा मद से होगा पौधारोपण
बकुलाही नदी के किनारे के गांवों में होने वाले पौधारोपण मनरेगा से कराया जाएगा। शासन से मनरेगा विभाग को बजट मिलेगा। इसके बाद मनरेगा विभाग ब्लाक अफसरों को पौधा मुहैया कराएंगे। इसके बाद इसका पौधारोपण होगा।
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गड्ढा खोदे जाने की तैयारी
पौधा रोपे जाने के लिए नदी के किनारे गड्ढा खोदे जाने की तैयारी चल रही है। इसी माह के अंत में गड्ढे की खोदाई होनी शुरू हो जाएगा। जो करीब माह भर तक चलेगी। इसके बाद गड्ढे में जैविक खाद डालकर उसे छोड़ दिया जाएगा। बरसात शुरू होते ही पौधारोपण शुरू हो जाएगा।