मजदूर विरोधी लेबर कोड वापस ले सरकार
अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस पर जिला ट्रेड यूनियन काउंसिल द्वारा पंचमुखी मंदिर बलीपुर में गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस दौरान मांग की गई कि केंद्र सरकार मजदूर विरोधी लेबर कोड व किसान विरोधी कृषि कानून वापस ले। कोविड प्रभावित श्रमिकों को सात हजार 500 रुपए की आर्थिक सहायता व परिवार को मुफ्त राशन की व्यवस्था की जाए। निजीकरण निगमीकरण कोविड के बहाने वेतन कटौती व छंटनी बंद की जाए। सभी स्वास्थ्य सेवाओं घरेलू व असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
संवादसूत्र, प्रतापगढ़ : अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस पर जिला ट्रेड यूनियन काउंसिल द्वारा पंचमुखी मंदिर बलीपुर में गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस दौरान मांग की गई कि केंद्र सरकार मजदूर विरोधी लेबर कोड व किसान विरोधी कृषि कानून वापस ले। कोविड प्रभावित श्रमिकों को सात हजार 500 रुपए की आर्थिक सहायता व परिवार को मुफ्त राशन की व्यवस्था की जाए। निजीकरण निगमीकरण कोविड के बहाने वेतन कटौती व छंटनी बंद की जाए। सभी स्वास्थ्य सेवाओं घरेलू व असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
स्वास्थ्य कर्मियों, आंगनबाड़ी, आशा, फील्ड वर्कर, विद्युत कर्मियों, सफाई कर्मियों, सुरक्षाकर्मियों को कोविड से बचाव के सभी साधन व संसाधन मुहैया कराया जाए। चुनाव के चलते संक्रमित हुए कर्मचारी जिनकी मृत्यु हो गई है उनके परिवारीजनों को 50 लाख रुपये क्षतिपूर्ति के रूप में केंद्र व राज्य सरकार भुगतान करे। वक्ताओं ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार, निर्वाचन आयोग के अदूरदर्शी पूर्ण निर्णय के चलते आज पूरे देश का जनजीवन संकट में आ गया है। अब वह वक्त आ गया है कि देश का संपूर्ण मजदूर वर्ग एकजुट होकर केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों पर हमला बोले और कोरोना संक्रमण के बाद सड़कों पर उतरे। जिला ट्रेड यूनियन काउंसिल के अध्यक्ष हेमंत नंदन ओझा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला मंत्री रामबरन सिंह, राजमणि पांडेय ने भी विचार रखे। इस मौके पर सुरेश चंद शर्मा, उत्तर प्रदेश बिजली कर्मचारी संघ के नेता शिवचरण, सत्येंद्र कुमार, जहीर, राजेश, बृजेश पाल, दिनेश कुमार, जगत प्रकाश, मनोज कुमार, नगर पालिका स्वायत्तशासी कर्मचारी महासंघ से सत्यनारायण, शहजादे, रामजस आदि मौजूद रहे।