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महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा को लेकर सरकार असंवेदनशील : मोना

संसू लालगंज कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने बुधवार को केंद्र सरकार द्वा

By JagranEdited By: Published: Wed, 04 Dec 2019 11:21 PM (IST)Updated: Wed, 04 Dec 2019 11:21 PM (IST)
महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा को लेकर सरकार असंवेदनशील : मोना
महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा को लेकर सरकार असंवेदनशील : मोना

संसू, लालगंज : कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने बुधवार को केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2017 से आज तक एनसीआरबी का डेटा जारी नहीं किए जाने को चिताजनक करार दिया है। विधायक मोना ने कहा कि आपराधिक घटनाचक्र को लेकर मौजूदा सरकार के आंकड़े यदि ठीक हैं तो इस आंकड़े को जारी करने में आखिर सरकार भयभीत क्यों नजर आ रही है। उन्होंने कहा कि अपराध से जुड़े डेटा को जारी न करने से यह साफ हो गया है कि सरकार का दावा फेल है। उन्होंने कहा कि एनसीआरबी का डेटा ही किसी सरकार के कार्यकाल में अपराध का आईना होता है। बुधवार को जारी अपने बयान मे कांग्रेस नेता आराधना मिश्रा ने कहा कि जब सरकार को यह ही नहीं पता है कि उसके नियंत्रण तक की संस्थाओं में बच्चियों तथा महिलाओं की उपस्थिति का डाटा क्या है, तो वह इन महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कैसे कर सकती है। उन्होंने मैनुपरी में नवोदय विद्यालय की छात्रा से दुष्कर्म के बाद हत्या पर सरकार को आड़े हाथों लेते हुए सवाल उठाया कि मात्र प्रभावित जिलों के डीएम तथा एसपी को हटाने से योगी सरकार अपने कर्तव्यों से इतिश्री और जबाबदेही से नहीं बच सकती। उन्होंने वर्तमान सरकार पर असंवेदनशीलता के गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि 2017 के बाद एनसीआरबी का डेटा सरकार दो वर्ष से क्यों छिपाए है। क्योंकि एनसीआरबी का डेटा सरकार के कार्यकाल में अपराध का आईना होता है। आराधना मिश्रा ने दुष्कर्म पीड़िता मृतका के परिजनों को एक करोड़ रुपये आर्थिक मुआवजा अविलंब दिए जाने व परिजनों को सुरक्षा प्रदान किए जाने के साथ ही इस जघन्य कांड की सीबीआइ जांच भी कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि एक जिम्मेदार विपक्ष के नाते सरकार से यह सवाल बड़ा है कि कस्तूरबा आवासीय विद्यालय, वर्किंग वूमेन हॉस्टल, नवोदय विद्यालय, नारी निकेतन, किशोर आवास इत्यादि सरकार द्वारा संचालित व संरक्षित संस्थानों में बालिकाओं व महिलाओं की वास्तविक संख्या क्या है और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में सरकार के क्या प्रयास हैं। विधानमंडल दल कांग्रेस की नेता मोना ने वीमेन गर्ल एंड चाइल्ड सेफ्टी इंडेक्स की स्थापना की भी मांग की है। उन्होंने यह भी दावा किया है कि एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार 2013 में चार्जशीट दाखिल करने का प्रतिशत 95.5 था, जो 2017 में घटकर 86.4 प्रतिशत रह गया। साथ ही आरोप भी जड़ा कि यह सरकार महिला उत्पीड़न के मामलों में न्याय देने में लगातार असफल साबित हो रही है।

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