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एनएसयूआइ के पूर्व जिलाध्यक्ष के हत्यारोपित फरार

कंधई थाना क्षेत्र के वारी खुर्द गांव में एनएसयूआइ के पूर्व जिलाध्यक्ष की हत्या करने वाले आरोपित फरार हैं। पुलिस ने उनकी तलाश में संभावित ठिकानों पर दबिश दी लेकिन सफलता नहीं मिली।

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Apr 2021 10:40 PM (IST)Updated: Sat, 10 Apr 2021 10:40 PM (IST)
एनएसयूआइ के पूर्व जिलाध्यक्ष के हत्यारोपित फरार
एनएसयूआइ के पूर्व जिलाध्यक्ष के हत्यारोपित फरार

संसू, मंगरौरा: कंधई थाना क्षेत्र के वारी खुर्द गांव में एनएसयूआइ के पूर्व जिलाध्यक्ष की हत्या करने वाले आरोपित फरार हैं। पुलिस ने उनकी तलाश में संभावित ठिकानों पर दबिश दी, लेकिन सफलता नहीं मिली।

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कंधई के रठवत निवासी एनएसयूआइ के पूर्व जिलाध्यक्ष निर्मल पांडेय ने शीतला सरोज निवासी वारी खुर्द, थाना कंधई को कुछ पैसा दे रखे थे। शीतला ने गुरुवार की शाम निर्मल को पैसा देने के लिए बुलाया था। निर्मल अपने दोस्त अनुराग सिंह निवासी सुल्तानपुर के साथ गुरुवार की शाम सु्ल्तानपुर से शीतला सरोज के घर गए थे। रात में लेन-देन को लेकर विवाद हो जाने पर निर्मल की लाटी व राड से पीटकर हत्या कर दी गई थी। अनुराग गंभीर हालत में भर्ती है। निर्मल के पिता हरिहर प्रसाद पांडेय ने शीतला सरोज, उसके परिवार के लोगों व दोस्तों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है। घटना के बाद से शीतला और उसके परिवार के लोग घर छोड़कर फरार है। शीतला की बस्ती के अधिकांश ज्यादातर पुरुष घर छोड़कर बाहर शरण लिए हुए हैं। मृतक के घर भी सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। उधर, पोस्टमार्टम के बाद शुक्रवार शाम करीब 5:30 बजे निर्मल का शव घर लाया गया। शव से लिपटकर मृतक की पत्नी सुषमा व मां गायत्री रोने बिलखने लगी। शनिवार को सुबह स्वजन ग्रामीणों के साथ शव लेकर प्रयागराज गए और वहां दोपहर एक बजे शव का अंतिम संस्कार कर दिया। एसओ कंधई नीरज वालिया ने बताया कि हत्यारोपितों की तलाश में दबिश दी जा रही है, हालांकि अभी सफलता नहीं मिली है।

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सूझ-बूझ से अनुराग की बची जान

कंधई के वारीखुर्द में पैसे के लेनदेन में शीतला और उसके स्वजनों ने निर्मल पांडेय व उनके साथी अनुराग सिंह को लाठी-डंडे से पहले पीटा। निर्मल पर फावड़े से भी हमला किया। पिटाई से दम तोड़ चुके निर्मल व मरणासन्न अनुराग को हमलावरों ने गेहूं के खेत में फेंक दिया। अनुराग ने बताया कि खेत में फेंकने के बाद हमलावर घर की ओर लौट रहे थे। तभी किसी ने कहा कि दोनों जिदा है कि मर गए हैं। फिर से जांच कर लो कि सांस चल रही है या नहीं। यह सुनते ही दो लोग लौट कर आए। घायल अनुराग ने उनकी बात सुनकर अपनी सांसे रोक ली। अनुराग को हमलावरों ने हिलाया डुलाया, लेकिन उसने यह महसूस नहीं होने दिया कि वह जिदा है। इसी सूझबूझ से उसकी जान बच सकी।


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