पहले रिजर्वेशन की होड़, अब रद करा रहे रेल टिकट
कोरोना का कहर महानगरों में फिर से शुरू हो जाने पर परदेसी अपने कदम पीछे हटा ले रहे हैं। बहुत से लोग दिल्ली मुंबई व सूरत जाने का प्लान बदल दे रहे हैं। उनकी घबराहट का असर रेलवे की कमाई पर भी दिख रहा है।
जासं, प्रतापगढ़ : कोरोना का कहर महानगरों में फिर से शुरू हो जाने पर परदेसी अपने कदम पीछे हटा ले रहे हैं। बहुत से लोग दिल्ली, मुंबई व सूरत जाने का प्लान बदल दे रहे हैं। उनकी घबराहट का असर रेलवे की कमाई पर भी दिख रहा है।
इन दिनों रेलवे आरक्षण काउंटर पर टिकट लेने से अधिक रद कराने को लोग आ रहे हैं। कन्फर्म टिकट को लोग रद करा रहे हैं। इनमें सबसे अधिक निरस्तीकरण मुंबई का हो रहा है। वहां मिल कारखाने में मजदूरी करने वाले, आटो संचालन करने वाले, माल में काम करने वाले बहुत से लोगों ने नवंबर व दिसंबर में टिकट बुक कराए थे। अब वहां से कहा जा रहा है कि कोरोना बढ़ गया है, अभी न आएं। जब हालात सामान्य हो जाएंगे तो बताएंगे। ऐसे में बड़ी मशक्कत के बाद उनको टिकट मिला था, अब मन मसोसकर वापस करना पड़ रहा है।
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बोल रहे हैं आकड़े
मुंबई-दो महीने पहले मुंबई के लिए एक दिन में 200 टिकट तक बुक हो रहे थे। अब यह संख्या 120 तक आ गई है।
दिल्ली- दो महीने पहले 130 टिकट तक हर दिन लोग ले रहे थे। कोरोना के डर से अब यह संख्या 80 के आसपास हो गई है।
सूरत- तब एक दिन में 50 टिकट बुक हो रहे थे। जब से कोरोना ने असर दिखाया लोग जाने से बच रहे। अब 10-15 बुक हो रहे हैं।
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हर दिन एक लाख की चपत
यात्रा रद करने से रेलवे को हर दिन करीब एक लाख रुपये का चूना लग रहा है। यात्रियों का पैसा रिफंड करना पड़ रहा है। हर दिन 30 से 40 टिकट हर रूट का रद कराने यात्री आ रहे हैं। आरक्षण पर्यवेक्षक रणविजय सिंह का कहना है कि जो यात्री आते हैं उनका टिकट नियमानुसार रद किया जाता है। यह बात सही है कि इन दिनों तेजी से लोग टिकट रद करा रहे हैं।