पांच लाख रुपये का हुआ गड़बड़झाला
प्रतापगढ़ ग्राम पंचायतों में मनरेगा से तमाम कराए कराये जा रहे हैं। काम कराने के नाम पर
प्रतापगढ़ : ग्राम पंचायतों में मनरेगा से तमाम कराए कराये जा रहे हैं। काम कराने के नाम पर सरकारी पैसे की बंदरबाट की जा रही है। गांव में साइन बोर्ड तक नहीं लगाया गया है। काम कराकर केवल कोरम पूरा किया गया है। शिकायत पर विभाग सख्त हो गया है। जांच में तीन दर्जन से अधिक ऐसे गांव हैं जहां पर करीब पांच लाख रुपये का गड़बड़झाला हुआ है।
जिले भर में 17 ब्लाक है। इसमें सदर, मानधाता, संडवा चंद्रिका, गौरा, बिहार, शिवगढ़, पट्टी, आसपुर देवसरा, मंगरौरा, बाबा बेलखरनाथ धाम, कालाकांकर, रामपुर संग्रामगढ़, लालगंज, लक्ष्मणपुर सहित अन्य ब्लाक शामिल हैं। ग्राम पंचायतों में मनरेगा से तालाब की खाोदाई, चकरोड, इंटरलॉकिग, भूमि समतलीकरण सहित अन्य तरह के कार्य कराए जा रहे हैं। कई गांवों में बिना काम कराए ही लाखों रुपये हजम कर लिए। यहां तक कि जिन स्थानों पर जो भी कार्य कराए गए हो, वहां पर साइन बोर्ड लगा होना चाहिए। उसमें कार्य काम नाम, खर्च हुए पैसा, कितनी दूरी तक बनाया गया चकरोड, इंटरलॉकिग सहित अन्य तरह की जानकारी का जिक्र बोर्ड में पेंटिग के जरिए होना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। कालाकांकर के 41 गांवों में मनरेगा से आधा अधूरा काम कराकर बड़े पैमाने पर खेल किया गया है। इसका ब्योरा तैयार हो गया है। गड़बड़झाले पर विभाग सख्त हो गया है। इसमें रिकवरी की तैयारी चल रही है। सीडीओ प्रभाष कुमार ने बताया कि विकास कार्यों का पैसा हजम करने वाले कर्मियों को बख्शा नहीं जाएगा।
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इन गांवों में हुआ है गड़बड़झाला
मनरेगा मद से जिन गांवों में गड़बड़झाला हुआ है उसमें चंदापुर, शेखपुर, खुरुहुजी, सहिजनी, बड़गौ, तिवारीपुर, अब्दुल वाहिदगंज, अस्थान, बरियावां, दयालपुर, जनवामऊ, केवराडीह, छिदौरा, लाटतारा, नटोही, कियावां, त्रिलोचनपुर, रजवापुर, काशीपुर, भद्विव, पनिगौ, लवाना, कड़रौ, हिनाहूं, जाजूपुर, बड़ेरा, कोराली, शेख मोहम्मदपुर, चौरही, आलापुर शामिल हैं। इसके अलावा अतौलिया, रामपुर गड़ौली, ककिरहा, बजहाभीट, रेवली, कदई, ऐंठू, मोहमिदपुर व करमगंज में भी गड़बड़झाला हुआ है। गांवों में न्यूनतम 540 रुपये व अधिकतम 44 हजार 440 रुपये का गड़बड़झाला हुआ है।
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तकनीकी सहायक समेत से होगी रिकवरी
मनरेगा मद में जो गड़बड़झाला हुआ है, उसकी रिकवरी गांव में तैनात ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी, तकनीकी सहायक आदि से होगी। किस कमर्र से कितनी वसूली होगी, इसका ब्योरा तैयार हो रहा है।