अपनी ही रिपोर्ट पर पीठ थपथपा रहा है आबकारी महकमा
अवैध शराब की कम बरामदगी दिखाकर आबकारी महकमा यह दिखाना चाह रहा है कि जिले में अवैध शराब का कारोबार ठप हो गया है। जबकि हकीकत इससे इतर है। वैसे भी जब भारी मात्रा में अवैध शराब बरामद हुई है तो वह पुलिस ने ही की है। आबकारी विभाग की बरामदगी महुए की कच्ची शराब तक ही सीमित रहती है।
दिनेश सिंह, प्रतापगढ़ : अवैध शराब की कम बरामदगी दिखाकर आबकारी महकमा यह दिखाना चाह रहा है कि जिले में अवैध शराब का कारोबार ठप हो गया है। जबकि हकीकत इससे इतर है। वैसे भी जब भारी मात्रा में अवैध शराब बरामद हुई है तो वह पुलिस ने ही की है। आबकारी विभाग की बरामदगी महुए की कच्ची शराब तक ही सीमित रहती है।
जिले में अवैध शराब का कारोबार सालों से होता आ रहा है। दशक भर पहले तक हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड़ सहित अन्य प्रांतों की शराब लाकर माफिया उसे बिकवाते थे। अब दशक भर से शराब माफिया अपनी फैक्ट्री खोलकर केमिकल से शराब बनवाते हैं। करीब सात पहले तत्कालीन एसपी अनंतदेव ने अंतू, महेशगंज, संग्रामगढ़ थाना क्षेत्र में संचालित फैक्ट्री का भंडाफोड़ करके करोड़ों रुपये की शराब बरामद की थी। एसपी अनंतदेव के तबादले के बाद फिर अवैध शराब की फैक्ट्री संचालित होने लगी। मार्च महीने के आखिरी हफ्ते में हथिगवां थाना क्षेत्र के बलीपुर गांव में करोड़ों रुपये की अवैध शराब बरामद की गई थी। फिर हथिगवां थाने के नौबस्ता व कुंडा के बाबूगंज में करोड़ों रुपये की शराब बरामद हुई। अप्रैल महीने में 43,594 लीटर अवैध शराब बरामद हुई थी। ऐसा नहीं है कि इस कार्रवाई के बाद जिले में अवैध शराब का कारोबार नहीं हो रहा है। अभी यह धंधा फलफूल रहा है। कई शराब माफिया इस कारोबार में लिप्त है और इससे मोटी कमाई कर रहे हैं। लेकिन आबकारी विभाग की रिपोर्ट चौंकाने वाली है। आबकारी विभाग ने मई महीने में 396 छापे मारे, लेकिन अवैध शराब सिर्फ 2120 लीटर ही बरामद हुई। जबकि अप्रैल में 227 स्थानों पर छापेमारी करके 43594 लीटर शराब बरामद की गई थी। इसमें वह करोड़ों की अवैध शराब भी शामिल है, जो हथिगवां और कुंडा इलाके में पुलिस ने बरामद की थी। --अप्रैल महीने में हथिगवां और कुंडा कोतवाली क्षेत्र से भारी मात्रा में शराब बरामद की गई थी। मई महीने में कुल 396 जगहों पर छापे मारे गए थे, इसमें महज 2120 लीटर ही अवैध शराब बरामद हुई। अभियान जारी रहेगा और अवैध शराब की बिक्री नहीं होने पाएगी।
पार्थ रंजन घोष, जिला आबकारी अधिकारी