समाज को सार्थक करती है समरासता
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ द्वारा गुरुवार को मां शीतला देवी धाम कटरा मेदनीगंज में समरसता उत्सव का आयोजन किया गया। इस अवसर पर संघ के काशी प्रांत प्रचारक रमेश ने कहा कि भारत की संस्कृति और परंपराएं अभेद्य है। जब कभी भी आक्रांताओं ने यहां की संस्कृति को नष्ट करने का प्रयास किया तो भारत के ग्रंथों और संतों ने अपनी संस्कृति को बचाया।
जासं, प्रतापगढ़ : राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ द्वारा गुरुवार को मां शीतला देवी धाम कटरा मेदनीगंज में समरसता उत्सव का आयोजन किया गया। इस अवसर पर संघ के काशी प्रांत प्रचारक रमेश ने कहा कि भारत की संस्कृति और परंपराएं अभेद्य है। जब कभी भी आक्रांताओं ने यहां की संस्कृति को नष्ट करने का प्रयास किया तो भारत के ग्रंथों और संतों ने अपनी संस्कृति को बचाया।
समरसता से ही समर्थ समाज की संकल्पना साकार होती है। सब मिलजुलकर रहें यह भाव समाज में होना चाहिए। आओ चलें सहभोज से सहज भोज की ओर से वास्तविक प्रेम समरसता फलीभूत होगी। भगवान राम ने समरसता के जागृत भाव को परिलक्षित किया है। राम प्रत्येक प्राणियों के रोम-रोम में बसते है। इस मौके पर श्रीराम जन्म भूमि मंदिर निर्माण निधि अभियान का शुभारंभ भी किया गया। इस अवसर पर सांसद संगम लाल गुप्ता, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रतापगढ़ के जिला कार्यवाह डॉ. सौरभ पांडेय, राम मंदिर के लिए एक करोड़ के दानी सियाराम ऊमरवैश्य, राकेश सिंह, ईश्वर नाथ शुक्ल, हरिओम मिश्र, सुरेंद्र सिंह आदि ने समर्पण व्यक्त किया। राशि प्रदान की। अभियान के संयोजक राजन, सह-संयोजक डॉ. अखिलेश पांडेय, शिव शंकर सिंह ने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन जिला कार्यवाह सौरभ पांडेय ने किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचारक प्रतोष, चितामणि, महंत मनोज ब्रह्मचारी, मंगलाचरण, हरीश कुमार, शीतांशु ओझा, प्रभाशंकर पाण्डेय अशोक शर्मा, अभिषेक पांडेय, विनीत, डा. श्रद्धा सिंह आदि ने भी भाग लिया। समाज को समरसता की जरूरत
जासं, प्रतापगढ़ : ब्रह्मदेव जागरण मंच की ओर से नगर के ट्रेजरी चौराहा स्थित हनुमान मंदिर परिसर में खिचड़ी भोज का आयोजन हुआ। इसके पहले श्रीराम चरित मानस पाठ किया गया। संगठन के जिलाध्यक्ष पं. सत्येंद्र नारायण तिवारी ने कहा कि समाज में समरसता को बढ़ावा देने के लिए इस तरह के आयोजन करने से प्रेरणा मिलती है। जिला महामंत्री वज्रघोष ओझा ने लोगों को मकर संक्रांति की शुभाकामनाएं दी। इस दौरान पं. देवेंद्र त्रिपाठी, पं. ओमनाथ शुक्ल, पं. घनश्याम शुक्ल, पं. संतोष नारायण मिश्र, लक्ष्मी मिश्रा, विभा तिवारी, मान मिश्रा, प्रदीप पांडेय, श्याम बिहारी शुक्ल आदि मौजूद रहे।