जलशक्तिमंत्री के जिले की नहरों में भीषण गर्मी में भी उड़ रही धूल
यूपी के जल शक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह के गृह जनपद की नहरों का हाल बेहाल है। भीषण गर्मी में भी यहां की नहरों में धूल उड़ रही है। नहरों के पानी से लबालब किए जाने वाले तालाब व पोखरे भी सूखे पड़े हैं। पशु पक्षी प्यास से व्याकुल होकर तालाबों के पास पहुंचते हैं तो उन्हें पानी नहीं मिलता। इसके साथ ही किसान भी बेहाल हैं। उन्हें समय पर सिचाई के लिए नहरों से पानी नहीं मिल पा रहा है।
संवाद सूत्र, प्रतापगढ़ : यूपी के जल शक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह के गृह जनपद की नहरों का हाल बेहाल है। भीषण गर्मी में भी यहां की नहरों में धूल उड़ रही है। नहरों के पानी से लबालब किए जाने वाले तालाब व पोखरे भी सूखे पड़े हैं। पशु पक्षी प्यास से व्याकुल होकर तालाबों के पास पहुंचते हैं तो उन्हें पानी नहीं मिलता। इसके साथ ही किसान भी बेहाल हैं। उन्हें समय पर सिचाई के लिए नहरों से पानी नहीं मिल पा रहा है।
जिले में वर्ष 1965 में नहरों का जाल बिछाया गया था। कुल नहरों की संख्या 326 हैं। इनमें सिचाई खंड प्रतापगढ़ की 220, सिचाई खंड जौनपुर की तीन, सिचाई खंड पांच प्रयागराज की 17, शारदा सहायक खंड 39 की पांच, शारदा सहायक खंड दक्षिण रायबरेली की पांच, शारदा सहायक खंड 45 रायबरेली की 11, शारदा सहायक खंड 41 रायबरेली की 21, शारदा सहायक खंड 51 की 33 तथा लघुडाल की 11 नहरें हैं। प्रतापगढ़ जलशाखा की लंबाई 717.52 किमी है। इसकी 149 नहरें हैं और इनसे 53 हजार 845 हेक्टेयर खेतों की सिचाई होती है। इलाहाबाद जल शाखा की 115 नहरें हैं। इनसे 78 हजार 670 हेक्टेयर खेतों की सिचाई होती है। सबसे अधिक नहरें कुंडा व लालगंज क्षेत्र में हैं। इस समय उर्द, मूंग के साथ ही सब्जी की खेती के लिए किसानों को पानी की जरूरत है तो नहरों से पानी नदारत है। प्रयागराज व प्रतापगढ़ जलशाखा में पानी नहीं छोड़ा गया। बीते दिसंबर माह में नहरों में पानी तो छोड़ा गया, लेकिन पानी कम मिलने से टेल तक नहीं पहुंच सका। 21 हजार क्यूसेक के स्थान पर 13 हजार क्यूसेक पानी ही मिल सका था। इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है। जिले के लगभग डेढ़ सौ तालाब नहरों के पानी से लबालब किए जाते हैं। नहरों में पानी न आने से यह भी सूखे पड़े हैं। डेरवा प्रतिनिधि के अनुसार जेठवारा रजबहा में टेल तक पानी न आने से किसानों के सब्जी की सिचाई नहीं हो पा रही है। शारदा सहायक की मेन माइनर में पानी न आने से छोटी-छोटी माइनर जैसे शेषपुर चौरास, खटवारा, परियावां, दुंदा का पुरवा आदि माइनरें भी सूखी हैं। इससे रामनगर, परियावां, सराय खानदेव, नरियावां, बिकरा, कानूपुर, सरायइंद्रावत आदि गांव के लोग परेशान हैं। अजगरा प्रतिनिधि के अनुसार अजगरा माइनर में माइनर पानी न आने से किसान परेशान हैं। कसहर गांव के किसान उमेश चंद्र तिवारी, सराय इंद्रावत के पंकज पटेल, विकरा के राजेश सरोज, अरुण कुमार मिश्र, कमलेश कुमार मिश्र आदि ने नहरों में पानी छोड़े जाने की मांग की है।
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नहरों में पानी छोड़ने के लिए डिमांड किया है। कई बार रिमाइंडर भी किया गया, इसके बावजूद पानी ऊपर से नहीं मिल पा रहा है। यही वजह है कि नहरों में पानी नहीं आ रहा है। -अरविद वर्मा, अधिशासी अभियंता सिचाई