एंबुलेंस नहीं मिलने से सीएचसी में ही महिला ने तोड़ दिया दम
कोतवाली पट्टी क्षेत्र के सराय मधई गांव की 30 साल की सरिता देवी को समय पर एंबुलेंस सेवा नहीं मिली। स्वजनों का आरोप है कि इस कारण अस्पताल न पहुंच पाने से उसकी जान चली गई। राजेश कुमार की पत्नी सरिता की अचानक तबीयत खराब होने पर गुरुवार को सुबह नौ बजे सीएचसी पट्टी लाया गया। उसका इलाज चल रहा था। अचानक उसकी तबीयत अधिक खराब हो जाने पर डॉक्टर ने जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। उस वक्त अस्पताल में कोई एंबुलेंस नहीं थी।
संसू, मकूनपुर : कोतवाली पट्टी क्षेत्र के सराय मधई गांव की 30 साल की सरिता देवी को समय पर एंबुलेंस सेवा नहीं मिली। स्वजनों का आरोप है कि इस कारण अस्पताल न पहुंच पाने से उसकी जान चली गई। राजेश कुमार की पत्नी सरिता की अचानक तबीयत खराब होने पर गुरुवार को सुबह नौ बजे सीएचसी पट्टी लाया गया। उसका इलाज चल रहा था। अचानक उसकी तबीयत अधिक खराब हो जाने पर डॉक्टर ने जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। उस वक्त अस्पताल में कोई एंबुलेंस नहीं थी। काल करने में पर भी आने में देर हुई, जिससे सीएचसी में ही उसकी मौत हो गई । स्वजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से इस तरह की लापरवाही जग जाहिर है। इस तरह की घटनाएं कई बार होने के बावजूद स्वास्थय विभाग की नींद नहीं खुलती। आला अधिकारी भी स्वास्थ्य विभाग की सेवा की जांच पड़ताल नहीं करते। वहीं महिला का इलाज कर रहे डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि महिला की आंत फंस गई थी, जिससे उसकी मौत हो गई।
पीड़ित महिला को सीएचसी में एंबुलेंस सेवा नहीं मिली, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। इस बारे में जिले में एंबुलेंस सेवा के नोडल अधिकारी से जवाब तलब होगा। यह देखा जाएगा कि उस समय पट्टी सीएचसी के पास किस एंबुलेंस चालक की ड्यूटी थी, उससे भी कारण पूछकर अगली कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. ए.के श्रीवास्तव, सीएमओ कच्ची दीवार के मलबे में दबकर महिला की मौत
संसू, दीवानगंज : कंधई थाना क्षेत्र के अमसौना गांव में कच्ची दीवार गिरने से उसके मलबे में दबने से एक महिला की मौत हो गई। महिला की मौत होने से उसके बच्चे अनाथ हो गए।
अमसौना गांव की रहने वाली शकुंतला देवी (45) पत्नी स्वर्गीय रामसजीवन बुधवार शाम को अपने कच्चे मकान की जर्जर दीवार को फावड़े से खोद कर गिरा रही थी। इसी दौरान अचानक दीवार का मलबा उनके ऊपर गिरा और वह उसी में दब गईं। दीवार गिरते देख स्वजनों शोर मचाया। फौरन ग्रामीण पहुंचे और मलवे को हटाकर शकुंतला को बाहर निकाला। गंभीर रूप से घायल शुकंतला को स्वजन जिला अस्पताल ले जा रहे थे, लेकिन रास्ते में ही उनकी सांस थम गई। इसके बाद स्वजन शव लेकर घर चले आए। पुलिस ने देर शाम शकुंतला के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। शकुंतला के पति की मौत पांच वर्ष पहले हुई थी। उनकी तीन बेटी मनीषा (19), ऊषा (17) व निशा देवी (15) और बेटा सूरज (13) है। पति की मौत के बाद शकुंतला देवी ही चारों बच्चों का किसी तरह पालन पोषण कर रही थी।