जागरण संवाददाता, प्रतापगढ़ : जिला पंचायत की कमान गुरुवार को डीएम ने संभाल ली। अध्यक्ष व सदस्यों का कार्यकाल बुधवार को समाप्त हो जाने के बाद डीएम को शासन ने प्रशासक बनाया है।
जिला पंचायत अध्यक्ष व सदस्यों का कार्यकाल का पांच साल पूरे होने पर 13 जनवरी को खत्म हो गया। इस कैबिनेट ने 14 जनवरी 2016 को शपथ लेकर कार्य शुरू किया था। इनका कार्यकाल पूरा होने के चंद घंटे पहले प्रदेश शासन के पंचायती राज विभाग से पत्र आया। उसमें कहा गया कि निर्वाचित सदन का कार्यकाल पूरा हो गया है। ऐसे में गुरुवार को डीएम बतौर प्रशासक कार्यभार ग्रहण करें। इस पत्र के आने के बाद जरूरी अभिलेखीय तैयारी की जाने लगी। वहीं गुरुवार की दोपहर में डीएम ने शासन के निर्देश के तहत प्रशासक का पद भार ग्रहण कर लिया। जरूरी अभिलेखों पर हस्ताक्षर करने के बाद डीएम ने अपर मुख्य अधिकारी पुनीत कुमार वर्मा से पंचायत के बारे में बात की। राजस्व की स्थिति, कर्मचारियों की कमी, विकास के प्रस्तावों की स्थिति के बारे में चर्चा की। कहा कि इन दिनों सबसे जरूरी है पंचायत चुनाव की तैयारी। परिसीमन के बारे में जो भी आपत्तियां आई हैं, उनका ठीक से परीक्षण करें, दावा करने वालों की बात को समझें। आपस में कमेटी के सब अफसर मंथन करें, तब कोई निर्णय करें। राज्य निर्वाचन आयोग की गाइड लाइन के अनुसार काम करें।
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पंचायत के परिसीमन को लेकर 42 लोगों ने आपत्ति दाखिल की
पंचायत चुनाव के लिए परिसीमन का कार्य अंतिम दौर में है। पांच साल में बढ़ी आबादी और हाल ही में नगर पालिका के सीमा विस्तार, पंचायतों में पांच दर्जन गांवों के शामिल होने के बाद परिसीमन हुआ है। इस पर बहुत से लोगों ने आपत्तियां दाखिल की हैं। जिला पंचायत के परिसीमन को लेकर 42 लोगों ने आपत्ति दाखिल की है। बीडीसी परिसीमन के खिलाफ नौ लोगों व ग्राम पंचायत सदस्य सीटों के नए निर्धारण के खिलाफ 17 लोगों ने दावा प्रस्तुत किया है। गुरुवार को दावों की जांच का अंतिम दिन होने से अफसर मंथन करने में लगे रहे। आपस में बात करके डीएम, सीडीओ, डीपीआरओ, एएमए जिला पंचायत सदस्य ने इसे फाइनल स्वरूप देने पर जोर दिया।
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