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जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव : अब तक भाजपा का नहीं खुला खाता

जिला पंचायत अध्यक्ष के अब तक हुए चुनाव में एक बार भी भाजपा का खाता नहीं खुला है। ऐसे में सूबे में पार्टी की सरकार होने के नाते भाजपा के दिग्गज नेता पहली बार कुर्सी पर कब्जा जमाने के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं। वर्ष 2010 का चुनाव छोड़ दें तो वर्ष 1995 से लेकर चार बार जिला पंचायत में रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया का ही जादू चला। वर्ष 1995 में राजा भैया के करीबी हरिवंश सिंह की पत्नी अमरावती सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित हुईं थीं। फिर वर्ष 2000 में बिदेश्वरी पटेल वर्ष 2005 में कमला देवी और वर्ष 2016 में उमाशंकर यादव अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे।

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 Jun 2021 10:53 PM (IST)Updated: Thu, 24 Jun 2021 10:53 PM (IST)
जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव : अब तक भाजपा का नहीं खुला खाता
जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव : अब तक भाजपा का नहीं खुला खाता

दिनेश सिंह, प्रतापगढ़ : जिला पंचायत अध्यक्ष के अब तक हुए चुनाव में एक बार भी भाजपा का खाता नहीं खुला है। ऐसे में सूबे में पार्टी की सरकार होने के नाते भाजपा के दिग्गज नेता पहली बार कुर्सी पर कब्जा जमाने के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं।

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वर्ष 2010 का चुनाव छोड़ दें तो वर्ष 1995 से लेकर चार बार जिला पंचायत में रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया का ही जादू चला। वर्ष 1995 में राजा भैया के करीबी हरिवंश सिंह की पत्नी अमरावती सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित हुईं थीं। फिर वर्ष 2000 में बिदेश्वरी पटेल, वर्ष 2005 में कमला देवी और वर्ष 2016 में उमाशंकर यादव अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे। मायावती की सरकार में पहली बार बसपा का वर्ष 2010 में खाता खुला था और बसपा प्रत्याशी रहे प्रमोद मौर्य ने राजा भैया के समर्थक घनश्याम यादव को पराजित किया था। पिछले चुनाव में सपा का भी खाता खुल गया था, यह बात और है कि सपा ने सिर्फ प्रत्याशी घोषित किया था, जबकि चुनावी रणनीति राजा भैया व उनकी टीम ने बनाई थी।

भाजपा पहली बार वर्ष 1995 में मजबूती से चुनाव लड़ी थी और कड़े मुकाबले में भाजपा प्रत्याशी इंदुरेखा सिंह राजा भैया समर्थित प्रत्याशी अमरावती सिंह से चुनाव हार गईं थी। इस बार 57 जिला पंचायत सदस्य की सीट पर सपा के 17, जनसत्ता दल के 12, भाजपा के आठ, कांग्रेस के पांच, बसपा के तीन, निषाद पार्टी की एक और 11 निर्दलीय चुनाव जीते हैं। जीत का जादुई आकड़ा 29 प्रत्येक प्रत्याशी को जुटाना होगा। किसी भी पार्टी के पास जीत के लिए आवश्यक संख्या बल नहीं है। जनसत्ता दल ने माधुरी पटेल पत्नी कुलदीप पटेल, भाजपा ने क्षमा सिंह पत्नी अभय सिंह पप्पन और सपा ने अमरावती यादव पत्नी सुभाष यादव को प्रत्याशी बनाया है।

अब जीत के लिए आवश्यक संख्या बल जुटाने के लिए जनसत्ता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया व एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह, भाजपा प्रत्याशी के लिए कैबिनेट मंत्री मोती सिंह एवं भाजपा के सभी विधायक और सपा प्रत्याशी के लिए पूर्व मंत्री शिवाकांत ओझा, पूर्व विधायक नागेंद्र यादव मुन्ना सहित दिग्गज नेता निर्दलीय सदस्यों को अपने पाले में करने में जुटे हैं। निर्दलीय सदस्य घर की चौखट पर दस्तक देने वाले किसी भी दिग्गज नेता को निराश नहीं कर रहे हैं।


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