सीरम इंस्टीट्यूट में आग से मृत युवकों के शव लाए गए घर
सीरम इंस्टीट्यूट पुणे में आग लगने से हुई मौत के बाद युवकों का शव आसपुर देवसरा थाना क्षेत्र के दलापुर और पट्टी कोतवाली क्षेत्र के बरहूपुर गांव में रविवार को लाया गया तो गांव में मातम छा गया। स्वजनों की हालत देख हर किसी की आंखें नम हो गईं। उधर मृतकों के घर किसी प्रशासनिक अधिकारी के न पहुंचने से ग्रामीणों में आक्रोश दिखा।
पट्टी/मंगरौरा : सीरम इंस्टीट्यूट पुणे में आग लगने से हुई मौत के बाद युवकों का शव आसपुर देवसरा थाना क्षेत्र के दलापुर और पट्टी कोतवाली क्षेत्र के बरहूपुर गांव में रविवार को लाया गया, तो गांव में मातम छा गया। स्वजनों की हालत देख हर किसी की आंखें नम हो गईं। उधर, मृतकों के घर किसी प्रशासनिक अधिकारी के न पहुंचने से ग्रामीणों में आक्रोश दिखा।
आसपुर देवसरा थाना क्षेत्र के दलापुर गांव निवासी निवासी छोटेलाल का इकलौता पुत्र रमाशंकर (21) और पट्टी कोतवाली क्षेत्र के बरहूपुर निवासी लाल बहादुर सरोज के बेटे विपिन कुमार सरोज (22) रोजी रोटी के लिए पुणे में रहते थे। वह सीरम इंस्टीट्यूट में मजदूरी करते थे। गुरुवार रात इंस्टीट्यूट में लगी आग से दोनों की मौत हो गई थी। रविवार दोपहर दोनों युवकों का शव अलग-अलग एंबुलेंस से दलापुर और बरहूपुर गांव पहुंचा तो ग्रामीणों का हुजूम उमड़ पड़ा। मृतक के स्वजन रोने-बिलखने लगे। उनके देखकर ग्रामीणों की आंखें नम हो गईं। बरहूपुर गांव में भाजपा के नारायणपुर मंडल के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह ने विपिन के स्वजनों को ढांढस बंधाया। इसके बाद मृतक रमाशंकर का इब्राहिमपुर घाट पर दाह संस्कार किया गया। वहीं मृतक विपिन कुमार सरोज के शव को गोमती नदी के डेवाढ़ घाट पर दफन कर दिया गया। किसी प्रशासनिक अधिकारी के न पहुंचने से ग्रामीणों में आक्रोश दिखाई दिया। मृतक के स्वजन प्रदेश सरकार से आर्थिक मदद की आस लगाए हैं। घटना को बताते समय बेहोश हो गया छोटा भाई
सीरम इंस्टीट्यूट में आग लगने के बाद वहां जो हालात उत्पन्न हुआ था। उसे घटना के समय के हालात साथ रहे मृतक विपिन के छोटे भाई अवनीश ने यहां पहुंचने के बाद ग्रामीणों के साथ साझा किया। अफसोस जताने लगा कि वह अपने भाई को नहीं बचा पाया। वह बार-बार बेहोश हो जा रहा था।