जिला प्रशासन की लापरवाही से जल संचयन पर संकट
सगरासुंदरपुर जल संरक्षण व भूगर्भ का जलस्तर बढ़ाने में तालाबों का अहम योगदान होता है लेि
सगरासुंदरपुर : जल संरक्षण व भूगर्भ का जलस्तर बढ़ाने में तालाबों का अहम योगदान होता है, लेकिन अब तालाबों पर हो रहे अतिक्रमण के चलते जल संरक्षण का कार्य संभव नहीं हो पा रहा है। यही नहीं तालाबों का वजूद ही खतरे में पड़ता दिख रहा रहा है। वहीं जिला प्रशासन की लापरवाही से जल संचयन पर संकट बना हुआ है।
ब्लाक लक्ष्मणपुर अंतर्गत सगरासुंदरपुर बाजार के बगल से गुजरे हाइवे के समीप स्थित देवली का तालाब है। 20 बीघे के इस तालाब को देवली नरेश की रानी ने बनवाया था। कभी यह तालाब साल भर पानी से लबालब रहता था। क्षेत्र के किसान सिचाई कार्य से लेकर नहाने, कपड़ा धोने आदि कार्य में इसका उपयोग करते थे। यही नहीं मवेशियों व पक्षियों के पीने के पानी का यह सुगम श्रोत था। दूरदराज से पशु पक्षी आकर यहां अपनी प्यास बुझाते थे। क्षेत्र में पानी का जलस्तर भी साल भर बना रहता था, लेकिन आज इस तालाब के करीब आधे भाग पर अतिक्रमण हो चुका है। लोगों ने मकान निर्माण कर लिया है। कुछ लोग खेती करने लगे हैं तो कुछ अतिक्रमण कर अन्य कार्य में उपयोग ले रहे हैं। यही नहीं इस तालाब में हमेशा जल बना रहे, इसके लिए नहर से जोड़कर पक्की नाली भी बनाई गई थी, लेकिन अतिक्रमणकारियों ने उस नाली को भी बंद कर दिया है। इसके चलते अब तालाब में बारिश का पानी ही इकट्ठा हो पाता है। साल के अधिकांश माह में तालाब सूखा पड़ा रहता है। क्षेत्र के लोगों की तमाम शिकायतों के बाद भी तहसील प्रशासन की नजर इस ओर नहीं पड़ रही है। यही हाल रहा तो धीरे-धीरे अतिक्रमणकारी पूरे तालाब पर कब्जा जमा लेंगे और देवली के इस प्राचीन तालाब का वजूद मिट जाएगा। तहसीलदार लालगंज श्रद्धा पांडेय ने बताया कि यदि ऐसा है तो तालाब से अतिक्रमण हटवाया जाएगा।