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खुले आसमान के नीचे गो संरक्षण केंद्रों पर ठिठुर रहे गोवंश

ठंड के इस मौसम में क्षेत्र में बने गो आश्रय स्थलों में पशुओं को ठंड से बचाने के लिए कोई उपाय नहीं किया गया है। इसके कारण पशु ठंड से जहां तड़प रहे हैं वहीं उनकी मौत भी हो रही है। शुक्रवार को जागरण टीम ने पट्टी क्षेत्र के पट्टी ब्लाक के को आश्रय स्थल मेहंदिया गो आश्रय स्थल अतरौरा पंडरीपाल का निरीक्षण किया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Jan 2021 11:43 PM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 11:43 PM (IST)
खुले आसमान के नीचे गो संरक्षण केंद्रों पर ठिठुर रहे गोवंश
खुले आसमान के नीचे गो संरक्षण केंद्रों पर ठिठुर रहे गोवंश

संसू, पट्टी : ठंड के इस मौसम में क्षेत्र में बने गो आश्रय स्थलों में पशुओं को ठंड से बचाने के लिए कोई उपाय नहीं किया गया है। इसके कारण पशु ठंड से जहां तड़प रहे हैं, वहीं उनकी मौत भी हो रही है। शुक्रवार को जागरण टीम ने पट्टी क्षेत्र के पट्टी ब्लाक के को आश्रय स्थल मेहंदिया गो आश्रय स्थल अतरौरा, पंडरीपाल का निरीक्षण किया। इन स्थलों पर पशुओं को ठंड से बचाने के लिए कोई उपाय नहीं किया गया है, जिससे आए दिन निरीह पशुओं की मौत हो रही है। इसी के साथ ही तीन पशुओं के सेवा में लगाए गए कर्मियों को भी मानदेय नहीं मिल पा रहा है। इससे यहां लगाए गए कर्मी आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे हैं।

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मकूनपुर प्रतिनिधि के अनुसार मंगरौरा ब्लॉक के पंडरीपाल गो शाला में शुक्रवार को पशुओ के हमले से एक गाय की मौत हो गई। जब की तीन जानवर बीमार हैं। शासन का निर्देश है की गोशाला के पशुओं को जूट के बोरी का जैकेट बना कर पशुओं को पहनाया जाय। इसके बावजूद भी यहा ठंड से बचाने के लिए इंतजाम नहीं किया गया। गोशाला के टीन शेड को एक तरफ से पन्नी लगाई गई है। शुक्रवार की शाम तक बीमार जानवरों के इलाज के लिए कोई डाक्टर मौजूद नहीं था। पंडरी पाल गोशाला में इन दिनों कुल 109 जानवर हैं। भूसा , चारा, पानी तथा रहने की व्यवस्था है। इसके बावजूद भी शुक्रवार को कई जानवर बीमार पडे़ थे। जबकि गोशाला के पशुओं के हमले से शुक्रवार को एक गाय की मौत हो गई। उसे गोशाला के पास ही दफना दिया गया। पंडरीपाल गोशाला के चौकीदार बृज भूषण, कलहू राम तथा अशोक कुमार ने बताया कि पिछले छह माह से उनका भुगतान नहीं हुआ है। इस संबंध में कोहंड़ौर पशु चिकित्सालय के डा. प्रमोद यादव ने बताया कि सभी पशुओं को जूट के जैकेट पहनाए गए हैं तथा दो तीन गायें बीमार हैं। वह इटवा गोशाला पर हैं, लौटने के बाद पंडरी पाल गोशाला जाकर देखेंगे। संसू अमरगढ़ के अनुसार गो आश्रय स्थल अतरौरा में पशुओं के रहने के लिए दो शेड बनाए गए हैं। एक शेड पर लोहे का चद्दर लगाया गया है जबकि दूसरे पर कुछ नहीं लगाया गया है। इससे पशु ठंड के इस मौसम में खुले आसमान के नीचे पड़े रहते हैं। इससे आए दिन उनकी मौत हो रही है। इस समय यहां पर कुल 70 पशु हैं। इनकी देखरेख व सेवा के लिए चार चौकीदारों के क्रमवार ड्यूटी लगाई गई है। चौकीदारों को आज तक मानदेय नहीं मिला है, जिससे यह भी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। सीवीओ डॉ. विजय प्रताप सिंह ने बताया कि सभी गो आश्रय स्थलों पर ठंड से बचाव के इंतजाम करने की जिम्मेदारी डीएम ने डीएसओ व डिप्टी आरएमओ को दी थी।


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