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प्रतियोगी छात्र ने घर में फांसी लगाकर दी जान

नगर कोतवाली क्षेत्र के राम-राम चौराहा के निवासी प्रतियोगी छात्र ने घर के अंदर फांसी लगाकर जान दे दी। स्वजनों के अनुसार प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता न मिलने से वह डिप्रेशन में था। नगर कोतवाली क्षेत्र के पूरे केशवराय गांव निवासी देव नारायण शर्मा पुलिस विभाग में सिपाही थे। उन्होंने गायघाट रोड पर राम-राम चौराहा पर मकान बना लिया था और वहीं पर पूरे परिवार के साथ रहते हैं। तीन साल पहले देव नारायण की मौत हो गई थी। उनके पांच बेटों में चौथे नंबर का बेटा जीत बहादुर शर्मा (25) प्रयागराज में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करता था। दशहरे पर वह घर आया था।

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 11:00 PM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 11:00 PM (IST)
प्रतियोगी छात्र ने घर में फांसी लगाकर दी जान
प्रतियोगी छात्र ने घर में फांसी लगाकर दी जान

संवाद सूत्र, गड़वारा : नगर कोतवाली क्षेत्र के राम-राम चौराहा के निवासी प्रतियोगी छात्र ने घर के अंदर फांसी लगाकर जान दे दी। स्वजनों के अनुसार प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता न मिलने से वह डिप्रेशन में था।

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नगर कोतवाली क्षेत्र के पूरे केशवराय गांव निवासी देव नारायण शर्मा पुलिस विभाग में सिपाही थे। उन्होंने गायघाट रोड पर राम-राम चौराहा पर मकान बना लिया था और वहीं पर पूरे परिवार के साथ रहते हैं। तीन साल पहले देव नारायण की मौत हो गई थी। उनके पांच बेटों में चौथे नंबर का बेटा जीत बहादुर शर्मा (25) प्रयागराज में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करता था। दशहरे पर वह घर आया था।

सोमवार को रात में खाना खाने के बाद वह अपने कमरे में सोने चला गया था। रात में उसने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद करके फांसी लगा ली। मंगलवार को सुबह देर तक जब उसके कमरे का दरवाजा नहीं खुला तो परिवार वाले चितित हो गए। परिवार वालों ने दरवाजा खटखटाया तो अंदर से कोई आवाज नहीं आई। इसके बाद परिवार वालों ने दरवाजा तोड़ा तो जीत बहादुर को फांसी के फंदे पर लटका देख सन्न रह गए।

फौरन स्वजनों ने फांसी के फंदे से उतारा तो देखा उसकी मौत हो चुकी थी। स्वजनों ने घटना की सूचना नगर कोतवाली पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पोस्टमार्टम के बाद शव लेकर स्वजन मां बेल्हा देवी पुल के पास गए और सई नदी के तट पर अंतिम संस्कार कर दिया।

जीत बहादुर के तीसरे नंबर के भाई जीतेंद्र शर्मा की नवंबर में शादी है। भाई दीपेंद्र शर्मा ने बताया कि जीत पढ़ने में ठीक-ठाक था। वह करीब छह साल से प्रयागराज में रह रहा था। उसने प्रयागराज में ही रहकर स्नातक किया था और अब प्रतियोगी परीक्षाओं का तैयारी कर रहा था, लेकिन किसी परीक्षा में सफल नहीं हो पा रहा था। जिससे हमेशा चितित और कुंठिथ रहता था। चिलबिला चौकी इंचार्ज एहसानुल हक ने बताया कि युवक ने फांसी लगाकर जान दी है।


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