मनरेगा में घपले की जांच करने पहुंची केंद्र सरकार की टीम
मनरेगा के कामों और प्रधानमंत्री आवास के लाभार्थियों को श्रम के एवज में मिलने वाली मजदूरी में हुए खेल का जागरण ने अभियान चलाकर पोल खोल दी थी। इस अभियान से प्रशासन की किरकिरी हुई। मजबूर होकर सीडीओ व डीसी मनरेगा को जांच के आदेश देने पड़े। वहीं दैनिक जागरण के इस अभियान से प्रभावित होकर सांसद संगम लाल गुप्ता ने मनरेगा में चल रहे घपले और उस पर की गई दैनिक जागरण की रिपोर्ट को लोकसभा में मुद्दा बनाया। लोकसभा अध्यक्ष ने इसे गंभीरता से लेते हुए मनरेगा में घपले की जांच के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम गठित कर दी। वह टीम मंगलवार को जिले में जांच के लिए पहुंच गई है।
जासं, प्रतापगढ़ : मनरेगा के कामों और प्रधानमंत्री आवास के लाभार्थियों को श्रम के एवज में मिलने वाली मजदूरी में हुए खेल का जागरण ने अभियान चलाकर पोल खोल दी थी। इस अभियान से प्रशासन की किरकिरी हुई। मजबूर होकर सीडीओ व डीसी मनरेगा को जांच के आदेश देने पड़े। वहीं दैनिक जागरण के इस अभियान से प्रभावित होकर सांसद संगम लाल गुप्ता ने मनरेगा में चल रहे घपले और उस पर की गई दैनिक जागरण की रिपोर्ट को लोकसभा में मुद्दा बनाया। लोकसभा अध्यक्ष ने इसे गंभीरता से लेते हुए मनरेगा में घपले की जांच के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम गठित कर दी। वह टीम मंगलवार को जिले में जांच के लिए पहुंच गई है।
दैनिक जागरण ने 31 अगस्त से नौ सितबर तक अभियान चलाया था। मनरेगा के तहत श्रमिकों को मिलने वाली 15 हजार की मजदूरी नहीं दी गई थी। जागरण ने इस अभियान को विस्तार दिया तो पता चला कि यह स्थिति पूरे जिले की है। श्रमिकों के मेहनत का पैसा ना दिए जाने का मामला गरमा गया। प्रधानों और ग्राम्य विकास अधिकारी की मिलीभगत के इस खेल में ऊपर तक के अधिकारी मिले हुए थे। जब तक मामला छिपा था, खेल चलता रहा। दैनिक जागरण ने जब इस खेल से पर्दा उठाना शुरू किया तो खलबली मच गई। वहीं जागरण अभियान की रिपोर्ट को 23 सितंबर को सांसद संगम लाल गुप्ता ने लोकसभा में उठाकर मुद्दा बना दिया। सांसद ने यह भी सच्चाई खोली कि जागरण की रिपोर्ट पर औपचारिक जांच के निर्देश तो दे दिए गए लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। यही उनके द्वारा मनरेगा में घपले की शिकायत पर भी प्रशासनिक अधिकारियों को जूं नहीं रेंगी। उनके द्वारा भी की गई शिकायतों के निस्तारण में घोर लापरवाही की गई। लोकसभा अध्यक्ष ने सांसद के इस उछाले गए मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए जांच कराने का आश्वासन दे दिया था। उसी क्रम में मंगलवार की शाम करीब चार बजे केंद्रीय टीम दिल्ली से पहले फतेहपुर और वहां से मंगलवार की शाम चार बजे यहां पहुंची। उप निदेशक (ग्राम्य विकास) गया प्रसाद के नेतृत्व में आई टीम में केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी शैलेश कुमार, आयुष पुनिया, एसएस मोदी, मदन लाल, मनोज कुमार, मनोज कुमार, पंकज श्रीकांत व अतुल हैं। टीम के गांव में आने की सूचना मिलने पर परियोजना निदेशक आरसी शर्मा कालाकांकर ब्लाक में और डीसी मनरेगा अजय कुमार पांडेय विकास भवन कार्यालय में इंतजार करते रहे। टीम के आने की सूचना से विभागीय अधिकारी व कर्मी मनरेगा से जुड़े अभिलेख को दुरुस्त करने में जुटे रहे। मेंडुआडीह में देर शाम तक रही टीम
संसू, सुवंशा : जिले के गौरा ब्लाक के मेंडुआडीह में केंद्रीय टीम के आने की सूचना मिली तो वहां पर कर्मी व अफसर का अमला टूट पड़ा। ब्लाक के अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी संतोष कुमार यादव, जेई सुनील कुमार ग्राम प्रधान संतोष कुमार के यहां पहुंचकर टीम के आने का इंतजार करने लगे। मुख्यालय के अफसर भी टीम के आने की पल-पल की सूचना कर्मियों को देते रहे। हालांकि देर शाम तक टीम गांव में नहीं पहुंची थी। इसके अलावा परियोजना निदेशक कालाकांकर ब्लाक में टीम के आने का इंतजार करते रहे।
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कौन से गांव जाएंगे, कल ही निर्णय होगा
दिल्ली से हम मनरेगा में हुए कार्यों की जांच करने आए हैं। केंद्रीय टीम बुधवार को निर्णय लेगी किस किस गांव में जांच कार्य करना है।
उप निदेशक (ग्राम्य विकास) गया प्रसाद
(प्रभारी-केंद्रीय जांच टीम) केंद्रीय टीम जिले में आ गई है। केंद्रीय टीम विकास कार्यों की जांच के लिए आई है। वह लोग अपने स्तर से काम करेंगे। विभागीय अधिकारी उनके काम में मदद करेंगे।
- डा. रूपेश कुमार, डीएम