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मंजूरी मिलने के चार साल बाद भी नहीं बन सका बाईपास

मंजूरी मिलने के बाद भी बाईपास का निर्माण नहीं हो सका। दो हाईवे को जोड़ने वाले प्रस्तावित बाईपास के निर्माण के लिए मंजूरी मिले चार साल बीत गए हैं लेकिन अभी तक सभी किसानों को मुआवजा नहीं मिल सका। अभी भी पांच गांवों के किसानों के लिए 26.59 करोड़ रुपये की दरकार है। जिले का प्रमुख हाईवे प्रयागराज-अयोध्या शहर से होकर गुजरा है। यह हाईवे दो धार्मिक नगरी अयोध्या व प्रयागराजको जोड़ता है। इसके साथ ही इस हाईवे से अयोध्या गोंडा बस्ती बहराइच श्रावस्ती गोरखपुर प्रयागराज अमेठी सुल्तानपुर आंबेडकरनगर सहित दर्जन भर से अधिक जिले के लोगों का आवागमन रहता है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 27 Jan 2021 05:16 PM (IST)Updated: Wed, 27 Jan 2021 05:16 PM (IST)
मंजूरी मिलने के चार साल बाद भी नहीं बन सका बाईपास
मंजूरी मिलने के चार साल बाद भी नहीं बन सका बाईपास

प्रतापगढ़ : मंजूरी मिलने के बाद भी बाईपास का निर्माण नहीं हो सका। दो हाईवे को जोड़ने वाले प्रस्तावित बाईपास के निर्माण के लिए मंजूरी मिले चार साल बीत गए हैं, लेकिन अभी तक सभी किसानों को मुआवजा नहीं मिल सका। अभी भी पांच गांवों के किसानों के लिए 26.59 करोड़ रुपये की दरकार है। जिले का प्रमुख हाईवे प्रयागराज-अयोध्या शहर से होकर गुजरा है। यह हाईवे दो धार्मिक नगरी अयोध्या व प्रयागराजको जोड़ता है। इसके साथ ही इस हाईवे से अयोध्या, गोंडा, बस्ती, बहराइच, श्रावस्ती, गोरखपुर, प्रयागराज, अमेठी, सुल्तानपुर, आंबेडकरनगर सहित दर्जन भर से अधिक जिले के लोगों का आवागमन रहता है। दिन में इस हाईवे पर वाहनों का दबाव अधिक रहता है, जिससे रुक-रुककर दिन भर जाम लगता रहता है। जाम की समस्या से दिलाने के लिए जिले के लोग कई साल से जनप्रतिनिधियों से बाईपास के निर्माण की मांग करते चले आ रहे थे।

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सितंबर 2013 में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अधीक्षण अभियंता पंकज सिंह ने बाईपास का सर्वे करने के लिए कास्टा इंजीनियरिग प्राइवेट लिमिटेड नई दिल्ली को पत्र लिखा था। हालांकि बाइपास को मंजूरी वर्ष 2016 में मिली। वर्ष 2016 में 17 गांवों के किसानों की जमीन अधिग्रहीत की गई। इन गांवों के किसानों को 85.93 करोड़ मुआवजा दिया जाना था। इस चार साल में सोनावां, गोड़े, घोरका, लोहंगपुर, सरायवीरभद्र, पूरे केशवराय, गायघाट, जहरगो, करौंदी, गड़ई चकदेइया, सराय कल्याणदेव, ईसीपुर सहित 12 गांवों के किसानों को 58.34 करोड़ रुपये मुआवजा बांट दिया गया है। अभी पांच गांवों प्रतापगढ़ सिटी, बैजलपुर, पूरे मुस्तफा, रामगढ़ी व पूरे माधवसिंह के किसानों को 26.59 करोड़ रुपये मुआवजा नहीं मिल सका है। बीते अक्टूबर 2020 में नेशनल हाईवे सुल्तानपुर के अधिशाषी अभियंता ने 26.59 करोड़ की मांग सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से की थी। डिमांड किए चार महीने बीत रहे हैं, लेकिन अभी तक बजट नहीं मिल सका है। इससे बाईपास के निर्माण का काम शुरू नहीं हो सका। एनएच सुलतानपुर के सहायक अभियंता एके मिश्रा ने बताया कि पांच गांवों के किसानों को मुआवजा देने के लिए 26.59 करोड़ रुपये की मांग सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से की गई है। किसानों को मुआवजा बांटने के बाद बाईपास के निर्माण के लिए बजट की डिमांड की जाएगी। बजट स्वीकृत होने के बाद निर्माण कार्य शुरू होगा।


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