जन्मे नंदलाला, घर-मंदिर में छा गया उल्लास
श्याम सलोने का जन्मोत्सव जिले में धूमधाम से मनाया गया। कोरोना के डर से लोग फिजिकल दूरी बनाकर ही सही पर विधि-विधान से जन्माष्टमी मनाए। कुछ स्थानों पर बुधवार को जन्माष्टमी मनाई जाएगी। शाम होते ही मंदिरों व घरों में कान्हा की झांकी सज गई। बिजली की आकर्षक सजावट से झांकियों को लोग निहारते रहे। नटखट नंदलाला का जन्मोत्सव मनाने में जुटे रहे। झांकी में कान्हा की बाल लीलाओं से जुड़े प्रसंगों को प्रदर्शित किया गया।
जागरण संवाददाता, प्रतापगढ़ : श्याम सलोने का जन्मोत्सव जिले में धूमधाम से मनाया गया। कोरोना के डर से लोग फिजिकल दूरी बनाकर ही सही, पर विधि-विधान से जन्माष्टमी मनाए। कुछ स्थानों पर बुधवार को जन्माष्टमी मनाई जाएगी।
शाम होते ही मंदिरों व घरों में कान्हा की झांकी सज गई। बिजली की आकर्षक सजावट से झांकियों को लोग निहारते रहे। नटखट नंदलाला का जन्मोत्सव मनाने में जुटे रहे। झांकी में कान्हा की बाल लीलाओं से जुड़े प्रसंगों को प्रदर्शित किया गया। सजावट के लिए लोगों ने बाजार से तरह-तरह के सामान खरीदे थे। खासकर बांसुरी, मोर पंख, पीतांबरी, कुंडल, चंदन, झूला, मटकी, गुलेल सजाया। बंशी वट के किनारे गाय चराते, गोपियों का चीर लेकर उनको सताते, मटकी फोड़ते वह बहुत लुभावन लगे। नगर के गोपाल मंदिर में झांकी सजाई गई। रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ के बैरक में आकर्षक झांकी सजी। आधी रात में भगवान का जन्म होने पर बधाई गीत गाए गए। खीरे में लड्डू गोपाल की मूर्ति रखकर पंचामृत से स्नान कराया। घंटा, घड़ियाल शंख, ढोल आदि बजाकर उनकी स्तुति की। चंदन लगाकर झूले में झुलाया। दही, माखन, मिसरी, केसर, लड्डू से भोग लगाया गया। हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की.की गूंज होती रही। नगर के श्याम बिहारी गली, सेनानी नगर में भी पर्व मनाया गया। लोगों ने भजन गाया। इस बार जन्माष्टमी पर रोहिणी नक्षत्र नहीं पड़ा। अष्टमी की तिथि में भी दो राय रही। वैसे तो मंगलवार को प्रात: आठ बजे से लग गई, पर बहुत से लोगों ने इसे बुधवार के सूर्योदय से प्रभावी मानकर बुधवार को जन्माष्टमी मनाने की तैयारी की है।