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नियमों के फेर में सैकड़ों युवाओं के सपनों पर तुषारापात

चार कदम तुम चलो और चार कदम हम चलें तब तो कुछ बात बने। मगर सरकारी अमला और बैंक प्रबंधन के टकराव में उन सैकड़ों युवाओं के सपने पर तुषारापात हो गया जिन्होंने योजनाओं के माध्यम से उद्योग लगाने का सपना देखा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेरोजगारों को रोजगार सृजित करने का मंत्र देते हैं मगर बैंक प्रबंध तंत्र के अड़ियल रुख की वजह से इस बार भी सारी की सारी मेहनत धरी की धरी रह गई। आखिरकार एक बार फिर बैंक प्रबंधन के अड़ियल रुख की वजह से 400 युवा आवेदकों की उद्योग लगाने के सपने पर तुषारापात हो गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 26 May 2021 11:02 PM (IST)Updated: Wed, 26 May 2021 11:02 PM (IST)
नियमों के फेर में सैकड़ों युवाओं के सपनों पर तुषारापात
नियमों के फेर में सैकड़ों युवाओं के सपनों पर तुषारापात

संवाद सूत्र, प्रतापगढ़ : चार कदम तुम चलो और चार कदम हम चलें, तब तो कुछ बात बने। मगर सरकारी अमला और बैंक प्रबंधन के टकराव में उन सैकड़ों युवाओं के सपने पर तुषारापात हो गया, जिन्होंने योजनाओं के माध्यम से उद्योग लगाने का सपना देखा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेरोजगारों को रोजगार सृजित करने का मंत्र देते हैं, मगर बैंक प्रबंध तंत्र के अड़ियल रुख की वजह से इस बार भी सारी की सारी मेहनत धरी की धरी रह गई। आखिरकार एक बार फिर बैंक प्रबंधन के अड़ियल रुख की वजह से 400 युवा आवेदकों की उद्योग लगाने के सपने पर तुषारापात हो गया।

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जिले के बेरोजगार लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शासन की महत्वाकांक्षी एक जनपद-एक उत्पाद, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना संचालित है। इन योजनाओं के तहत बेरोजगार लोगों को आंवले का उत्पाद, आयल मिल, राइस मिल, टेंट हाउस सहित कई अन्य तरह के उद्योग लगाने का सुनहरा मौका मिल सकता है। उद्योग विभाग से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2020-21 की एक जनपद-एक उत्पाद योजना के तहत 500 से अधिक आवेदन हुए थे। इसमें से 40 पत्रावली को निरस्त कर दिया गया। विभाग के अनुसार बैंक ऑफ बड़ौदा ने 18, बड़ौदा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक ने 18 और भारतीय स्टेट बैंक ने 22 पत्रावली निरस्त की है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के तहत 66 पत्रावली को बैंकों ने निरस्त कर दिया। इसमें बैंक ऑफ बड़ौदा ने 36, बड़ौदा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक ने 27 और भारतीय स्टेट बैंक ने 66 पत्रावली को कैंसिल किया है। इसी तरह से प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत 201 पत्रावली को बैंक प्रबंधन द्वारा निरस्त किया गया है। इसमें भारतीय स्टेट बैंक ने 55, बैंक ऑफ बड़ौदा ने 48, पंजाब नेशनल बैंक ने 24 सहित अन्य बैंकों ने सैकड़ों पत्रवाली को कैंसिल कर दिया। इसमें जो पत्रावली को निरस्त किया गया है।

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बैंकों के हास्यास्पद कारण, गरमाया मुद्दा

बैंक प्रबंधन ने आवेदकों की क्रेडिट ठीक न होने, बैंक क्षेत्र के दायरे से बाहर होने, आवेदकों के इच्छुक न होने सहित अन्य के आधार पर बैंक प्रबंधन ने यह पत्रावली निरस्त की है। भारी संख्या में पत्रावली को निरस्त किए जाने से आवेदक और अफसर खफा है। बैंक प्रबंधन की मनमानी जिला उद्योग बंधु की बैठक में डीएम के सामने उठना तय है।

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बोले आवेदक-

1- लालगंज के ढिगवस निवासी छेदीराम बताते हैं कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत ऋण लेकर लोहे का दरवाजा, खिड़की और आलमारी खोलने का कारोबार शुरू करने का इरादा बनाया था। दो साल से बैंकों का चक्कर लगाते थक गया। अब जानकारी मिल रही है कि पत्रावली को निरस्त कर दिया गया।

2- सदर तहसील के सगरा गांव के शांतुन का कहना है कि फरवरी माह में मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना का लाभ लेने के लिए फरवरी माह में आवेदन किया था। सोचा था कि ऋण मिलने के बाद फर्नीचर का कारेबार शुरू करेंगे। पत्रावली को निरस्त कर दिया गया।

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अगर बैंक प्रबंधन रुचि दिखाता तो अधिक से अधिक लोगों को रोजगार प्राप्त हो सकता था। जिले में कई इकाई भी स्थापित हो सकती थी।

- दिनेश कुमार चौरसिया, उपायुक्त उद्योग

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आवेदक अगर पत्रावली के निरस्त होने की शिकायत करेगा तो इसकी जांच कराई जाएगी। यह पता लगाया जाएगा कि किस वजह से पत्रावली को निरस्त किया गया है।

- अनिल कुमार, एलडीएम


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