आरोप में घिरीं बीडीओ हटाई गई
मनरेगा में भुगतान के लिए प्रधानों से कमीशन लेने के आरोप में घिरीं बीडीओ को ब्लाक से हटा दिया गया है। उन्हें डीडीओ कार्यालय संबद्ध किया गया है।
संवाद सूत्र, संडवा चंद्रिका : मनरेगा में भुगतान के लिए प्रधानों से कमीशन लेने के आरोप में घिरीं बीडीओ को ब्लाक से हटा दिया गया है। उन्हें डीडीओ कार्यालय संबद्ध किया गया है।
महीने भर पहले अंतू देहात, जलालपुर व कमालुद्दीनपुर के प्रधानों ने ग्राम्य विकास मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह मोती से शिकायत करते हुए आरोप लगाया था कि बीडीओ आकांक्षा सिंह ने मनरेगा में श्रमिक व मैटेरियल मद से हुए विकास कार्य के भुगतान में कमीशन लिया है। इसके बाद भी कार्य के सापेक्ष भुगतान नहीं किया गया। शिकायत पर मंत्री के निर्देश पर डीसी मनरेगा अजय कुमार पांडेय ने ब्लाक पहुंचकर बीडीओ व शिकायतकर्ता प्रधानों से बात करके मामले की जांच की। सूत्रों के मुताबिक डीसी मनरेगा ने बीडीओ द्वारा लिए गए कमीशन की धनराशि को प्रधानों को वापस करा दिया। इधर आरोपों की जांच के लिए मंत्री के निर्देश पर सीडीओ ने डीडीओ, पीडी व मुख्य पशु चिकित्साधिकारी के नेतृत्व में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन करके शिकायतों की जांच सौंपी थी। जिस पर डीडीओ ने अंतू देहात, पूरे पांडेय कमोरा, जलालपुर व कमालुद्दीनपुर के प्रधानों को पत्र जारी करके आरोपों के संबंध में लिखित बयान देने को कहा था। डीडीओ के पत्र पर अंतू देहात के प्रधान विजय सिंह, जलालपुर की प्रधान महरानी व कमालुद्दीनपुर की प्रधान कलावती ने डीडीओ को लिखित बयान देकर बीडीओ पर भुगतान के लिए कमीशन लेने व उक्त धनराशि डीसी मनरेगा के समक्ष वापस करने का बयान दिया है। जांच के लिए डीडीओ, पीडी व मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी के नेतृत्व में जांच टीम गठित करके जांच के आदेश दिए गए है। संडवा चंद्रिका में बीडीओ शमा सिंह को तैनात किया गया है। इस बारे में बीडीओ आकांक्षा सिंह ने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि जांच में सच सामने आ जाएगा। मैने स्वयं ब्लाक से हटाए जाने के लिए सीडीओ को पत्र दिया था।