पिछड़ा वर्ग आयोग ने डीएम-एसपी को तीन दिन का समय दिया
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य कौशलेंद्र सिंह पटेल ने मंगलवार को वीडियो कांफ्रेसिग के जरिए फिर प्रशासनिक अधिकारियों से गोविदपुर मामले में बात की।
जासं, प्रतापगढ़ : राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य कौशलेंद्र सिंह पटेल ने मंगलवार को वीडियो कांफ्रेसिग के जरिए फिर प्रशासनिक अधिकारियों से गोविदपुर मामले में बात की। जिले के पट्टी तहसील क्षेत्र स्थित गोविदपुर एवं धुई गांव में 22 मई को दो पक्षों में मारपीट और आगजनी के मामले में अब तक की कार्रवाई पर असंतोष जाहिर किया। कहा कि ऐसा लग रहा है कि पुलिस दबाव में काम कर रही है। उन्होंने इस दौरान यह भी कहा कि जिन उचित धाराओं में मुकदमा दर्ज होना चाहिए था, अभी तक नहीं हुआ है। इस पर जिलाधिकारी डॉ. रूपेश कुमार और एसपी अभिषेक सिंह ने तीन दिन का समय मांगते हुए आश्वस्त किया कि उचित धाराएं बढ़ाते हुए की गई कार्रवाई की जानकारी आयोग को रिपोर्ट करेंगे। इस मौके पर गोविदपुर गांव की एक पक्ष से सीमा, वंदना पटेल, अंजू, सीता देवी, अंजू वर्मा, अनीता एवं लखपती देवी सहित आठ महिलाएं मौजूद थीं। आयोग के सदस्य ने इन महिलाओं का भी पक्ष जाना। वीडियो कांफ्रेंसिग के दौरान एडीजी प्रयागराज प्रेम प्रकाश, आइजी बीके सिंह भी थे। दोनों वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रयागराज से ही वीडियो कांफ्रेसिग के दौरान आयोग के सदस्य को आश्वस्त किया कि इस प्रकरण में पुलिस दोनों पक्षों के साथ न्याय करते हुए उचित कार्रवाई करेगी। ..ठंडा पड़ता नहीं दिखाई देता गोविदपुर का मामला
जासं, प्रतापगढ़ : गोविदपुर गांव में विवाद का मामला ठंडा पड़ता नहीं दिखाई देता। पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर, बाबू सिंह कुशवाहा, अपना दल अध्यक्ष कृष्णा पटेल से लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल गोविदपुर गांव का दौरा कर चुकी हैं। इन सभी नेताओं ने आरोप लगाया है कि पुलिस प्रशासन ने एक पक्षीय कार्रवाई की है। आखिर दो पक्षों में विवाद हुआ तो वर्मा बस्ती के ही 11 लोगों को क्यूं गिरफ्तार किया गया। इस पर एसपी अभिषेक सिंह का कहना है कि उन 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिन लोगों ने पुलिस पर हमला किया था और मौके पर मिले थे। पुलिस ने 22 मई की मारपीट के मामले में दोनों पक्ष से किसी को नहीं गिरफ्तार किया है। पुलिस ने हरिकेश वर्मा नाम के व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया है, जिसका एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह वर्मा बस्ती के लोगों को भड़काने के षडयंत्र की रचना करते सुना गया था। अगर पुलिस अपना यह पक्ष रख रही है, तो इसे राजनीतिक दल के लोग सही क्यों नहीं मान रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल पुलिस की कार्रवाई से इतनी खफा है कि वह इसके लिए एसपी को ही दोषी मानती हैं, सीएम से उनके तबादले की मांग भी वह कर चुकी हैं। अब पिछड़ा वर्ग आयोग ने इस मामले में जिस तरह से गंभीर रुख अख्तियार किया है, उससे लग रहा है कि पुलिस तीन दिन के अंदर शेष कार्रवाई पूरी कर लेगी। अब यहां सवाल उठता है कि तीन दिन बाद पुलिस की कार्रवाई से क्या राजनीतिक दल संतुष्ट हो जाएंगे। वहीं यहां से विधायक एवं प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह मोती सिंह ने चुप्पी साध रखी है। उनका कहना है कि दो पक्ष के विवाद में पुलिस अपना काम करे और जो भी दोषी हो, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे। मंत्री के खिलाफ नारेबाजी दूषित मानसिकता
संसू, प्रतापगढ़ : अखिल ब्राह्मण विकास प्रतिष्ठान के संरक्षक अनिल प्रताप त्रिपाठी ने कहा कि पट्टी विधानसभा क्षेत्र के गोविदपुर गांव पहुंच कर कैबिनेट मंत्री मोती सिंह के खिलाफ नारेबाजी करवाना संकीर्ण एवं दूषित मानसिकता का परिचायक है। इसकी जितनी निदा की जाए, उतनी ही कम है। उन्होंने यह भी कहा कि अपना दल नेता अनुप्रिया पटेल जातिगत राजनीति करना बंद करें। हमेशा दोनों पक्षों के साथ न्याय की बात करनी चाहिए।