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पिछड़ा वर्ग आयोग डीएम-एसपी से नाराज

पट्टी तहसील के गोविदपुर गांव के प्रकरण में जवाब न देने पर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने डीएम-एसपी पर नाराजगी जाहिर की है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 14 Jun 2020 09:50 PM (IST)Updated: Sun, 14 Jun 2020 09:50 PM (IST)
पिछड़ा वर्ग आयोग डीएम-एसपी से नाराज
पिछड़ा वर्ग आयोग डीएम-एसपी से नाराज

संवाद सूत्र, प्रतापगढ़ : पट्टी तहसील के गोविदपुर गांव के प्रकरण में जवाब न देने पर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने डीएम-एसपी पर नाराजगी जाहिर की है। साथ ही इस मामले में वीडियो कांफ्रेंसिग से सुनवाई के लिए आयोग ने डीएम, एसपी के साथ ही प्रयागराज के कमिश्नर और एडीजी को 16 जून को सुबह 10:30 बजे तलब किया है।

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पट्टी कोतवाली क्षेत्र के धुई गांव निवासी राम आसरे तिवारी की गाय 21 मई को पड़ोस के गांव गोविदपुर (आसपुर देवसरा) थाना निवासी नन्हे वर्मा के खेत में चली गई थी। इसी को लेकर दोनों पक्ष में विवाद हुआ था। अगले दिन धुई गांव की प्रधान चमेला देवी के बेटे अनिल तिवारी सहित चार लोगों पर हमला कर दिया गया था। बाद में फोर्स ने गोविदपुर व परसद गांव के वर्मा बस्ती के लोगों पर लाठीचार्ज करके 10 लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। इस मामले में 20 नामजद और 40-50 अज्ञात लोगों के खिलाफ पुलिस व प्रधान के पुत्र अनिल तिवारी ने बलवा, जानलेवा हमला सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था।

इस मामले को राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने संज्ञान में लिया था। छह जून को आयोग ने डीएम-एसपी को पत्र भेजकर जवाब मांगा था, लेकिन अफसरों ने जवाब नहीं भेजा। इस पर आयोग ने नाराजगी जताते हुए 11 जून को भेजे गए पत्र में डीएम एसपी पर तल्ख टिप्पणी की है। कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि प्रतापगढ़ के डीएम-एसपी को द कांस्टीट्यूशन (वन हंड्रेड एंड सेकेंड अमेंडमेंट) एक्ट 2018 की जानकारी नहीं है। चूंकि मामला पिछड़े वर्ग की महिलाओं सीमा, वंदना पटेल, अंजू वर्मा, अनीता वर्मा, लखपति देवी, संजू पटेलल, सुधा पटेल, सीता देवी के संवैधानिक अधिकार से संबंधित था। इसलिए इस प्रकरण में जवाब मांगा गया था, जिसका उत्तर न देना दुर्भाग्यपूर्ण है।

आयोग ने कहा कि इस मामले की सुनवाई 16 जून को दिन में 10:30 बजे वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से करने का निर्णय लिया गया है। वीडियो कांफ्रेसिग में डीएम, एसपी के अलावा प्रयागराज के कमिश्नर, एडीजी भी रहेंगे। सुनवाई के दौरान पीड़ित सीमा, वंदना पटेल, अंजू वर्मा, अनीता वर्मा, लखपति देवी, संजू पटेल, सुधा पटेल, सीता देवी की मौजूदगी अनिवार्य है।

उप सचिव प्रशासन बीके पति द्वारा आयोग की ओर से जारी पत्र मिलते ही जिला व पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। 12 जून को डीएम, एसपी गोविदपुर गांव जाकर वर्मा बस्ती की महिलाओं से मिलने पहुंच गए। जबकि शनिवार को प्रयागराज के कमिश्नर कुमार रमेश, आइजी केपी सिंह भी गोविदपुर और धुई गांव में पहुंचकर दोनों पक्ष के लोगों से मिले थे। उनके साथ डीएम, एसपी भी थे। आयोग की फटकार पर दर्ज हुआ था मुकदमा

संसू, ढकवा : गोविदपुर प्रकरण में सीता देवी पत्नी नन्हेलाल वर्मा ने धुई गांव की प्रधान के बेटों सहित अन्य लोगों के खिलाफ तहरीर दी थी, लेकिन जांच के नाम पर पुलिस ने टरका दिया था। इस मामले में एक जून को सदर तहसील में हुई वीडियो कांफ्रेसिग में राष्ट्रीय वर्ग पिछड़ा आयोग के सदस्य कौशलेंद्र सिंह पटेल ने सीता देवी का मुकदमा दर्ज न करने पर एसपी को जमकर फटकार लगाई थी। इसके बाद उसी दिन सीता देवी की तहरीर पर देवसरा पुलिस ने धुई गांव की प्रधान के बेटों अनिल व ललित, राम आसरे तिवारी सहित 14 नामजद और 40 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।


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