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भूगर्भ जलस्तर को सहेज रहा अजगरा का सरोवर

लक्ष्मणपुर ब्लाक के अजगरा स्थित तालाब की ऐतिहासिकता पांडव काल से जुड़ी है। पौराणिक व पुरातात्विक प्रमाणिकता के आधार पर माना जाता है कि अजगरा स्थित तालाब यक्ष युधिष्ठिर संवाद स्थल रहा है। यहां पर युधिष्ठिर ने यक्ष के गूढ़ प्रश्नों का उत्तर देकर अपने भाइयों एवं खुद की प्यास बुझाई थी। आज भी इस तालाब में पानी की समुचित व्यवस्था बनी रहती है जिससे पशु पक्षी यहां आकर अपनी प्यास बुझाते हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 14 Apr 2021 10:52 PM (IST)Updated: Wed, 14 Apr 2021 10:52 PM (IST)
भूगर्भ जलस्तर को सहेज रहा अजगरा का सरोवर
भूगर्भ जलस्तर को सहेज रहा अजगरा का सरोवर

संवाद सूत्र, अजगरा : लक्ष्मणपुर ब्लाक के अजगरा स्थित तालाब की ऐतिहासिकता पांडव काल से जुड़ी है। पौराणिक व पुरातात्विक प्रमाणिकता के आधार पर माना जाता है कि अजगरा स्थित तालाब यक्ष युधिष्ठिर संवाद स्थल रहा है। यहां पर युधिष्ठिर ने यक्ष के गूढ़ प्रश्नों का उत्तर देकर अपने भाइयों एवं खुद की प्यास बुझाई थी। आज भी इस तालाब में पानी की समुचित व्यवस्था बनी रहती है, जिससे पशु पक्षी यहां आकर अपनी प्यास बुझाते हैं।

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अजगरा का यह प्रसिद्ध सरोवर अपने साथ ऐतिहासिकता समेटे हुए है। इसके अस्तित्व को सहेजने में प्रदेश सरकार में कबीना मंत्री रहे स्व. राजाराम पांडेय का भी विशेष योगदान रहा है। उन्होंने तालाब का सुंदरीकरण कराया। ग्रामीणों की मांग पर सबमर्सिबल लगवाया, जिससे कि तालाब में पानी हमेशा बना रहे। इस तालाब की प्रतिवर्ष सफाई की जाती है। ग्रामीणों का कहना है गांव में पोखर, तालाब का होना बहुत जरूरी होता है। इससे गर्मी में पशु पक्षियों की प्यास बुझती है, साथ ही गांव में जल स्तर भी हमेशा अच्छा हमेशा बना रहता है। ग्रामीणों का कहना है तालाब में पानी रहने से ठंडी हवाएं भी मिलती हैं। आज भी गर्मी में अजगरा स्थित इस तालाब के किनारे पेड़ की छांव में बैठकर ग्रामीण घंटों तालाब में पानी के चलते ताजी ठंडी हवा का आनंद लेते दिखते हैं। यही नहीं इस तालाब का पानी किसान खेती के उपयोग में भी लेते हैं। इस पौराणिक तालाब में साल भर पानी रहता है। गांव के साथ ही दूर दूर से आने वाले पशु पक्षी भी यहां तालाब के पानी से अपनी प्यास बुझाते हैं। कमल के खिले फूलों के बीच तालाब का पानी अजगरा के पुरातात्विक स्थलों को देखने आने वाले पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र भी बना दिखता है।

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फोटो : 14 पीआरटी 12

ऐतिहासिकता को समेटे हुए यह प्राचीन सरोवर पांडव कालीन है। इसमें साल भर पानी रहता है। पशु पक्षी व जंगली जानवर अपनी प्यास बुझाने आते हैं।

- बाबा मंगलगिरि

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फोटो : 14 पीआरटी 13

इस सरोवर में प्राचीन काल से लेकर आज तक हमेशा पानी रहने की चर्चा गांव के बुजुर्ग करते हैं। जल संचयन बहुत जरूरी है। इससे पशु पक्षियों के साथ मनुष्य को भी लाभ मिलता है।

- डॉ. राजेश कुमार पांडेय निर्झर प्रतापगढ़ी।

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फोटो : 14 पीआरटी 14

अजगरा सरोवर गांव की शान है। इस तालाब की उपयोगिता ग्रामीणों में हमेशा बनी रहती है। किसानी, जीव जंतुओं की प्यास बुझाने के साथ ही गांव में पानी के जलस्तर को बनाये रखने में मददगार बना है।

- हरि प्रसाद तिवारी

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फोटो : 14 पीआरटी 15

पानी से ही जीवन है। तालाब पोखरों में पानी रहने से नलकूप, कुआं आदि का जलस्तर बना रहता है। इसके प्रति सभी को सचेत रहना जरूरी है।

- संजू सिंह

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