अंडरपास की मांग को लेकर स्पेशल ट्रेन रोकने का प्रयास
क्षेत्र के नरहरपुर रेलवे क्रासिग पर गुरुवार देर शाम अंडरपास की मांग को लेकर ग्रामीणों ने सीआरएस की स्पेशल ट्रायल ट्रेन को रोकने का प्रयास किया। लाल कपड़ा लहराकर इशारा किया। आरपीएफ व जीआरपी के प्रयास से ट्रेन बिना रुके गुजर गई।
संसू, कोहंडौ़र : क्षेत्र के नरहरपुर रेलवे क्रासिग पर गुरुवार देर शाम अंडरपास की मांग को लेकर ग्रामीणों ने सीआरएस की स्पेशल ट्रायल ट्रेन को रोकने का प्रयास किया। लाल कपड़ा लहराकर इशारा किया। आरपीएफ व जीआरपी के प्रयास से ट्रेन बिना रुके गुजर गई।
प्रतापगढ़-सुल्तानपुर रेल मार्ग पर नरहरपुर में हजारों ग्रामीण अरसे से अंडरपास की मांग कर रहे हैं। रेलवे इस पर कोई सुनवाई नहीं कर रहा। ऐसे में गुरुवार को लोगों को पता चला कि कि बिजली के इंजन से ट्रेन चलाने का ट्रायल करने को शाम को सीआरएस इधर से गुजरने वाले हैं तो लोग क्रासिग पर ट्रैक के दोनों ओर खड़े हो गए। कई लोग तो ट्रैक पर ही बैठ गए। वह अपने-अपने मोबाइल की टार्च जलाकर सर्दी के बाद भी खड़े रहकर ट्रेन आने का इंतजार करने लगे। इस बीच सूचना पाने पर आरपीएफ व जीआरपी के जवान व अधिकारी वहां पहुंचे। ग्रामीणों को समझाया। करीब साढ़े छह बजे ट्रेन नजर आई तो एक बार फिर लोग ट्रैक पर आने का प्रयास किए। आरपीएफ के इंस्पेक्टर सीपी मिश्र तो सीआरएस के साथ ट्रेन में ही थे, जबकि मौके पर आरपीएफ के एएसआइ संजय कुमार राय व परमजीत फोर्स के साथ डटे थे। लोग ट्रेन रोककर सीआरएस को ज्ञापन देना चाहते थे, लेकिन फोर्स ने किसी तरह उनको ट्रैक से दूर करके बिना रुके स्पेशल ट्रेन को पार कराया। इंस्पेक्टर सीपी मिश्र का इस बारे में कहना है कि ट्रेन रोकने का प्रयास गलत है। इस तरह एकाएक लोगों के लाइन पर आ जाने से कोई बड़ी घटना हो सकती थी। कानूनी कार्रवाई की जाएगी। -- लोगों में रही नाराजगी ज्ञापन लेकर आए ज्ञान सिंह, गिरजा दुबे, कौशलेंद्र, प्रवीण, इमरान, लल्लन यादव, राहुल सिंह समेत लोगों में रेलवे की संवेदनहीनता पर रोष रहा। इनका कहना है कि क्रासिग पर अंडरपास रास्ता बनाने की मांग कर रहे हैं। रास्ता न होने से लोगो को आने-जाने में असुविधा होती है। हम लोग शांतिपूर्ण ढंग से ज्ञापन देने आए थे, पर नही दे सके। -- कई लोग पहुंचे जंक्शन ज्ञापन देने आए लोगों को जब पता चला कि सीआरएस की ट्रेन प्रतापगढ़ जंक्शन पर खड़ी है तो आठ फीट के युवक धमेँद्र सिंह समेत क्षेत्र के कई लोग नरहरपुर से यहां चले आए। हालांकि वह उनसे मिल नहीं पाए। उनके यहां पहुंचते-पहुंचते ट्रेन चल दी। इससे वह लोग मायूस हो गए।