गो आश्रय केंद्रों पर अव्यवस्था का आलम
संसू प्रतापगढ़/ रानीगंज जिले में बनाए गए गो संरक्षण केंद्रों में अव्यवस्था का आलम है। पिछले
संसू, प्रतापगढ़/ रानीगंज : जिले में बनाए गए गो संरक्षण केंद्रों में अव्यवस्था का आलम है। पिछले दो दिनों से हो रही बूंदाबांदी से स्थिति और बदतर हो गई है। कीचड़ में रह रहे मवेशी बीमार पड़ रहे हैं।
रानीगंज तहसील क्षेत्र के गोवंश आश्रय केंद्रों का हाल बेहाल है। शिवगढ़ ब्लाक क्षेत्र के खमपुर दूबेपट्टी मेंहदौरी में बने गो आश्रय केंद्र में करीब 210 मवेशी है। बुढ़ौरा कुंभापुर, चंदी गोविदपुर के अलावा गौरा के रोहखुर्द गो आश्रय केंद्र में 92 मवेशी हैं। यहां कीचड़ की वजह से मवेशियों को समस्या हो रही है। इससे मवेशी बीमार भी हो रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार इस ओर अंजान बने हैं। पूर्व में रोहखुर्द गो आश्रय केंद्र पर आधा दर्जन मवेशी दम तोड़ चुके हैं। गो आश्रय केंद्र चंदी गोविदपुर, बुढ़ौरा कुंभापुर में दो मवेशी की मौत पूर्व में हुई थी। पूर्व में एसडीएम राहुल कुमार यादव ने इन केंद्रों का निरीक्षण किया था और पशु चिकित्सक से लेकर जिम्मेदार तक को फटकार लगाई थी। बारिश के चलते फिर मवेशी अव्यवस्था के बीच जूझ रहे हैं। एसडीएम का कहना है कि गो आश्रय केंद्रों पर व्यवस्था ठीक चल रही है। केंद्रों का निरीक्षण किया जाएगा, जहां भी अव्यवस्था मिलेगी वहां कार्रवाई की जाएगी।
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गो आश्रय केंद्रों के संचालन में बनी है समस्याएं
संसू, संगीपुर/सगरासुंदरपुर : तहसील लालगंज क्षेत्र में गो आश्रय केंद्रों का संचालन समस्याओं से जूझ रहा है। केंद्र संचालक प्रधान समय से धन का आवंटन न होने से मवेशियों के संरक्षण में आ रही असुविधाओं को पूरा कराने के लिए खुद का पैसा खर्च कर रहे हैं। सांगीपुर के श्रीपुर शुकुलपुर स्थित गो आश्रय केंद्र का संचालन जनवरी 2019 में शुरू हुआ। वर्तमान में यहां मवेशियों की संख्या सौ है। मवेशियों की देखभाल व साफ सफाई के लिए दर्जन भर मजदूर लगाए गए हैं। प्रधान डॉ. अमिताभ शुक्ल का कहना है कि मवेशियों के संरक्षण में आने वाला खर्च खुद से उठाना पड़ रहा है। बार बार शिकायत के बाद भी सरकारी धन नहीं मिल पा रहा है। वहीं ब्लाक लक्ष्मणपुर क्षेत्र के कटैया नेवादा गो आश्रय केंद्र का संचालन मार्च 2019 से शुरू हुआ। वर्तमान में यहां 445 मवेशी हैं। प्रधान प्रतिनिधि तूफान सिंह के अनुसार केंद्र पर मवेशियों के लिए चारा, पानी, टीनशेड आदि की व्यवस्था है, लेकिन केंद्र के संचालन में धन के आवंटन से समस्या है। यही हाल क्षेत्र के देवली में फरवरी 2019 से संचालित गौ आश्रय केंद्र का है। यहां वर्तमान में 557 मवेशी हैं। समय पर धन न मिलने से मवेशियों के संरक्षण की सुचारु व्यवस्था नहीं बन पा रही है। प्रधान मनोज सिंह का कहना है कि खुद से व्यवस्था न बनाएं तो मवेशियों का संरक्षण संभव नहीं है। गो शाला की दुर्दशा पर प्रधान ने दी त्याग पत्र की धमकी
संसू, मकूनपुर : विकास खंड मंगरौरा के मलाक ग्राम पंचायत के प्रधान लाल प्रताप सिंह ने मंगरौरा के खंड विकास अधिकारी निशा तिवारी को पत्र देकर गौशाला की दुर्दशा पर अपने पद से त्यागपत्र देने की धमकी दी है। उन्होंने पत्र में लिखा है की उनकी ग्राम सभा के चंद्रभानपुर में सितंबर 2019 से अस्थाई गोशाला बनाई गई है। पंडरीपाल के गोशाला से कुछ जानवरों को चंद्रभानपुर के गोशाला में भेजा गया था, जो बहुत ही कमजोर थे। वह एक एक मर रहे हैं। इसके चलते उनकी गोशाला के भी मवेशी बीमार पड़ रहे हैं। इन दिनों गोशाला में कुल 57 जानवर हैं। गोशाला में किसी सफाई कर्मी की तैनाती न होने से मरे हुए जानवरों को प्रधान को ही फेंकना पड़ता है। ससे वह शारीरिक व मानसिक रूप से बीमार पड़ गये हैं। उन्हे रात दिन गोशाला में ही रहना पड़ रहा है। शनिवार को भी चंद्र भानपुर के गोशाला में दो जानवर बीमार थे। उनका इलाज सुबह ही पशु चिकित्सक कर रहे थे, लेकिन उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी। इस संबंध में मंगरौरा की बीडीओ निशा तिवारी से बात करने पर बताया कि उनके रिलेशन में एक मौत हो गई है। वह वही गई है। इस संबंध में बात बाद में हो पाएगी।