ग्रामीण संस्कृति, कला को जीवंत कर गया अजगरा मेला
कोरोना के खतरे के बीच महाभारतकालीन यक्ष-युधिष्ठिर संवाद स्थल अजगरा का मेला लगा। लोग संक्रमण से अपनी सुरक्षा को लेकर सजग रहते हुए मेले में पहुंचे।
संसू, अजगरा : कोरोना के खतरे के बीच महाभारतकालीन यक्ष-युधिष्ठिर संवाद स्थल अजगरा का मेला लगा। लोग संक्रमण से अपनी सुरक्षा को लेकर सजग रहते हुए मेले में पहुंचे।
मेले के अंतिम दिन सोमवार को लोगों ने गुड़ की बनी चोटहिया जलेबी का आनंद लिया। प्राचीन सरोवर के किनारे घूमे। रिमझिम फुहारों के बीच चाट, पकौड़ी, मिठाई व हवाई झूले का खूब आनंद उठाया। ऋषि पंचमी पर 11 सितंबर से शुरू हुए तीन दिवसीय इस मेले का सकुशल समापन हुआ। मेले के आखिरी दिन लोगों की भीड़ अधिक रही। लोग फर्नीचर, घरेलू सामानों आदि की खरीदारी करते नजर आए। महिलाओं की श्रृंगार की दुकानों पर भीड़ अधिक रही। इस मौके पर ग्राम प्रधान गुलाबपति पाल, लालचंद्र पाल समेत वालंटियर ने लोगों की मदद की। मेले की सुचारु व्यवस्था बनाए रखने में क्षेत्रवासियों, व्यापारियों, पुलिसकर्मियों का योगदान के भी रहा। स्थानीय पुलिस मेले में आए लोगों को कोविड गाइडलाइन के तहत मास्क का प्रयोग व शारीरिक दूरी रखने की हिदायत देती रही। मनोरंजन संग ज्ञान का संगम
मेले में अधिकांश लोगों ने पुरातात्विक संग्रहालय भी देखा। पुरावशेषों के बारे में जानकारी हासिल की। मेले के संयोजक डा. राजेश पांडेय निर्झर प्रतापगढ़ी ने लोगों को अजगर बाबा की महिमा के साथ ही उरिया बाबा की समाधि के बारे में बताया। कहा कि यह मेला अपनी गौरवशाली सभ्यता-संस्कृति व मेल जोल का प्रतीक है। कोरा रहा केशव का वादा
हाईवे से मेला तक जाने वाले मुख्य मार्ग पर जाम लगता रहा। पुलिस हटवाती रही। मुख्य मार्ग की सूरत बदलने का डिप्टी सीएम केशव मौर्य का वादा अब तक पूरा न होने से लोग सकरी सड़क का दंश भी झेले। लोग कहते सुने गए कि घुइसरनाथ धाम भी पहले ऐसे ही था, लेकिन अब चमक गया है। पता नहीं यह कब संवरेगा