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नहीं आई एजेंसी की टीम, सिलेंडर पर टिकी मरीजों की सांस

जिला अस्पताल में लगे आक्सीजन प्लांट में आई तकनीकी खराबी शुक्रवार को दूर नहीं हो सकी। इसे लगाने वाली एजेंसी ने अभी इस ओर रुख नहीं किया है। इधर मरीजों की सांस सिलेंडर के सहारे है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Jan 2021 10:26 PM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 10:26 PM (IST)
नहीं आई एजेंसी की टीम, सिलेंडर पर टिकी मरीजों की सांस
नहीं आई एजेंसी की टीम, सिलेंडर पर टिकी मरीजों की सांस

जासं, प्रतापगढ़ : जिला अस्पताल में लगे आक्सीजन प्लांट में आई तकनीकी खराबी शुक्रवार को दूर नहीं हो सकी। इसे लगाने वाली एजेंसी ने अभी इस ओर रुख नहीं किया है। इधर मरीजों की सांस सिलेंडर के सहारे है।

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जिले का सबसे बड़ा अस्पताल यही जिला अस्पताल ही है। यहां आने वाले मरीजों में राहत की उम्मीद होती है, पर वास्तव में ऐसा है नहीं। यहां पांच साल पहले लगाए गए आक्सीजन का प्लांट में बार-बार खराबी आ रही है। इस कारण पाइप लाइन पर टिके ऐसे मरीज परेशान हो रहे हैं जो इमरजेंसी वार्ड, सर्जिकल वार्ड, मेडिकल वार्ड, चिल्ड्रेन वार्ड में भर्ती हैं। उनको किसी तरह सिलेंडर से प्राण वायु दी जा रही है। इस मिनी प्लांट में बुधवार की रात बड़ी खराबी आ जाने से सप्लाई बंद हो गई। इससे सांस के मरीजों के सामने संकट पैदा हो गया। उनको आक्सीजन की जरूरत होती है। सीएमएस डॉ. पीपी पांडेय तीन दिन के अंदर इसे लगाने वाली लखनऊ की एजेंसी को तीन पत्र लिखा। मेल से भी सूचना दी और फोन भी किया। उसे बताया कि कोरोना काल व अधिक ठंड के कारण यहां पर हर दिन आक्सीजन की दरकार है।

ऐसे में शीघ्र ही इसे बनाया जाए, पर अब तक एजेंसी ने इधर कदम नहीं बढ़ाए हैं। तब तक सिलेंडर से काम चलाया जा रहा है। डेढ़ महीने पहले भी इसमें गड़बड़ी आने से प्राण वायु का अभाव हो गया था। अब फिर रोज 10 सिलेंडर खरीदकर मरीजों को सप्लाई दी जा रही है। गंभीर मरीजों को आक्सीजन देना ही पड़ रहा है। सीएमएस डॉ. पीपी पांडेय ने बताया कि कई बार एजेंसी को बताया गया है। उसकी टीम आने पर ही यह बन सकेगा। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को भी बता दिया है।


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