नौनिहालों को लगाया अबीर-गुलाल, चंदन का टीका
लंबे समय के बाद एक मार्च से खुले प्राइमरी स्कूलों में दूसरे दिन मंगलवार को भी चहल पहल रही। स्कूलों को जहां गुब्बारे से सजाया गया था वहीं नौनिहालों को सैनिटाइज कराने के बाद प्रवेश दिया गया। बच्चों को अबीर-गुलाल लगाया गया और चंदन का टीका लगाया गया। शिक्षकों ने गुब्बारा व टाफी देकर उनका उत्साहवर्धन भी किया।
संवादसूत्र, प्रतापगढ़ : लंबे समय के बाद एक मार्च से खुले प्राइमरी स्कूलों में दूसरे दिन मंगलवार को भी चहल पहल रही। स्कूलों को जहां गुब्बारे से सजाया गया था वहीं नौनिहालों को सैनिटाइज कराने के बाद प्रवेश दिया गया। बच्चों को अबीर-गुलाल लगाया गया और चंदन का टीका लगाया गया। शिक्षकों ने गुब्बारा व टाफी देकर उनका उत्साहवर्धन भी किया।
कोरोना संकट कारण 14 मार्च 2020 से परिषदीय विद्यालयों में पढ़ाई बंद थी । विभागीय निर्देशों के तहत 10 फरवरी से कक्षा छह से आठ तक के परिषदीय व निजी विद्यालय नियमों के तहत खोले गए। एक मार्च से शासन के निर्देश पर विभाग द्वारा प्राथमिक विद्यालयों में भी पठन-पाठन शुरू कर दिया गया है। निर्धारित गाइडलाइन के अनुसार सोमवार व गुरुवार को कक्षा एक व पांच, मंगलवार व शुक्रवार को दो व चार, बुधवार व शनिवार को कक्षा तीन के बच्चों को क्लास लेने का दिन विभाग द्वारा निर्धारित किया गया है। रानीगंज प्रतिनिधि के मुताबिक कोरोना संकट के चलते 11 माह बाद जब प्राथमिक विद्यालय खुले तो चहल-पहल लौट आई। रंग बिरंगे गुब्बारों से स्कूल को सजाया गया। मंगलवार को भी इसी कड़ी में प्राथमिक विद्यालय मेडुआडीह के प्रधानाध्यापक रामप्रकाश पांडेय ने स्कूल आने वाले बच्चों को मास्क वितरण किया। बच्चों का अबीर गुलाल चंदन लगाकर स्वागत किया। इस दौरान कल्पना मिश्रा सहित शिक्षक मौजूद रहे। वहीं शिवहरि नंदन स्कूल निधी पट्टी मे भी बच्चों को मास्क पहनाकर अबीर गुलाल चंदन लगाकर स्वागत किया गया। बच्चों को दूर दूर बैठाकर शिक्षा ग्रहण कराई जा रही है। मंगलवार को बच्चों को पहले हाथ साबुन से धुला कर सैनिटाइजर कर कक्ष में दूर-दूर बैठाया गया। प्राथमिक विद्यालय कलीमुरपुर द्वितीय मे प्राध्यापक भोलानाथ यादव, सहायक अध्यापक अंबिकेश कुमार मिश्रा सहित शिक्षकों ने बच्चों का हाथ सैनिटाइजर कराने के बाद मास्क लगवाकर शिक्षा ग्रहण कराया। वहीं सदर विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय जहनईपुर में प्रधानाध्यापिका प्राची पांडेय ने कोरोना गाइड लाइन को ध्यान में रखते हुए स्कूलों में बच्चों को प्रवेश दिया। डोमीपुर की अनामिका पांडेय ने बच्चों को तिलक लगाकर स्वागत किया। प्राथमिक विद्यालय भुपियामऊ की किरण तिवारी ने बच्चों को गुब्बारे बांटे। संविलियन स्कूल जोगापुर में शिक्षक राजेश कुमार ने स्कूल में आने वाले बच्चों को गेट पर रोककर उन्हें सैनिटाइज किया। इसके बाद मास्क पहनाया। स्कूल की साज सज्जा सुंदर तरीके से की गई थी। फल और टॉफी का वितरण भी किया गया। इसी प्रकार बिहार के प्राथमिक विद्यालय त्रिलोकपुर की सहायक अध्यापिका प्राची बघेल ने विभिन्न प्रकार की शिक्षण सहायक सामग्री से बच्चों को पढ़ाया। उन्होंने बच्चों को दिन और रात कैसे होते हैं इसके बारे में बताया। यातायात के नियम बताने के लिए भारत के राज्य और उनकी राजधानियों के नाम आदि अनेक विषयों के प्रति बच्चों में रुचि उत्पन्न की और उन्हें गुब्बारे बांटे। उड़ैयाडीह प्रतिनिधि के अनुसार बाबा बेलखरनाथ धाम क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालयों में कोरोना के चलते लगभग 11 महीने बाद खुले स्कूलों में दूसरे दिन भी पठन-पाठन हुआ। पहली बार परिषदीय विद्यालयों को गुब्बारे से सजाया गया। बच्चों के चेहरे पर खुशी देखी गई। अधिकांश विद्यालयों में बच्चे बगैर मास्क के देखे गए और फिजिकल डिस्टेंसिग का अधिकांश विद्यालयों में पालन नहीं हो रहा था।