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भाषा, परंपरा और संस्कृति को जीवंत रखने का माध्यम : डॉ. रमाशंकर

जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान अतरसंड द्वारा आयोजित चार दिवसीय वेबिनार के तीसरे दिन बुधवार को डायट के उप शिक्षा निदेशक मोहम्मद इब्राहिम ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर चर्चा की।

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 Sep 2020 11:48 PM (IST)Updated: Thu, 24 Sep 2020 05:08 AM (IST)
भाषा, परंपरा और संस्कृति को जीवंत रखने का माध्यम : डॉ. रमाशंकर

जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान अतरसंड द्वारा आयोजित चार दिवसीय वेबिनार के तीसरे दिन बुधवार को डायट के उप शिक्षा निदेशक मोहम्मद इब्राहिम ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि यह शिक्षा नीति शिक्षा जगत से जुड़े समस्त लोगों के सर्वांगीण विकास में सहायक होगी। मुख्य अतिथि डॉ. राम शंकर कुशवाहा सहायक आचार्य दिल्ली विश्वविद्यालय नई दिल्ली ने कहा कि हिदी भाषा को मातृभाषा के रूप में समाहित करते हुए स्थानीय भाषाओं को भी महत्व दिया जाए। भाषा परंपरा और संस्कृति को जीवंत रखने का माध्यम है। डायट प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश कुमार ने बताया कि सामाजिक न्याय एवं समतामूलक समाज की स्थापना को शिक्षा ही प्रमुख उपकरण है। डायट प्रवक्ता नूर फातिमा ने कहा कि वर्तमान समग्र योजना के तहत समाहित सर्व शिक्षा अभियान और देशभर के राज्यों में होने वाले अन्य प्रयासों द्वारा देश के हर क्षेत्र में प्राथमिक स्कूलों की स्थापना तथा उनकी सार्वभौमिक पहुंच को हमें सुनिश्चित करने की जरूरत है। राज्य अध्यापक पुरस्कार से नवाजे गए माडल पूर्व माध्यमिक विद्यालय कटरागुलाब सिंह के शिक्षक मो. फरहीम ने कहा कि शिक्षक बच्चों के भविष्य के साथ पीढ़ी को भी आकार देते हैं। शिक्षक व्यक्ति, समाज तथा राष्ट्र के भविष्य निर्माता होते हैं। इस दौरान तकनीकी सहयोग अजय कुमार राय, आशुतोष निर्मल, योगेश प्रताप सिंह, विजय कुमार, मीनाक्षी पांडे तथा ममता त्रिपाठी ने प्रदान किया।

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