एफसीआइ में 49 लाख रुपये का बिल फाइल लंबित
गेहूं व धान की खरीद करने के लिए पीसीएफ के दर्जनों क्रय केंद्रों का चयन हुआ था। शासन की ओर से केंद्र प्रभारियों को खरीद करने के एवज में उनको कमीशन दिया जाना था। गेहूं व धान की खरीद समाप्त होने के बाद भी केंद्र प्रभारियों का कमीशन नहीं दिया गया। हालांकि पीसीएफ से मिलान की प्रक्रिया पूरी होने के बाद बिल फाइल एफसीआइ में भेजी जा चुकी है। वहां केंद्रवार मिले गेहूं व चावल का सत्यापन होता है।
प्रतापगढ़ : गेहूं व धान की खरीद करने के लिए पीसीएफ के दर्जनों क्रय केंद्रों का चयन हुआ था। शासन की ओर से केंद्र प्रभारियों को खरीद करने के एवज में उनको कमीशन दिया जाना था। गेहूं व धान की खरीद समाप्त होने के बाद भी केंद्र प्रभारियों का कमीशन नहीं दिया गया। हालांकि पीसीएफ से मिलान की प्रक्रिया पूरी होने के बाद बिल फाइल एफसीआइ में भेजी जा चुकी है। वहां केंद्रवार मिले गेहूं व चावल का सत्यापन होता है। इसके बाद कमीशन मिलता है। अभी तक बिल फाइल एफसीआइ में लंबित होने से केंद्र प्रभारियों का कमीशन नहीं मिला। वर्ष 2019-20 में पीसीएफ के दो दर्जन से अधिक केंद्र खोले गए थे। इन केंद्रों पर एक लाख 38 हजार 730 कुंतल धान की खरीद हुई थी। केंद्र प्रभारियों को खरीद करने के एवज में 26 लाख एक हजार रुपये कमीशन बना था। इसी तरह इन केंद्रों पर 84 हजार 800 कुंतल गेहूं की खरीद हुई थी। जिसमें केंद्र प्रभारियों का 22 लाख 89 हजार रुपये कमीशन हुआ था। इस तरह से कुल मिलाकर 48 लाख 90 हजार 800 रुपये कमीशन हुआ था। खरीद समाप्त हुए कई माह बीत गए, लेकिन अभी तक केंद्र प्रभारियों का कमीशन नहीं दिया गया। इससे वह आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं। पीसीएफ के जिला प्रबंधक धीरेंद्र कुमार ने बताया कि बिल फाइल एफसीआइ में लंबित है। यही वजह है कि अभी तक केंद्र प्रभारियों का कमीशन नहीं मिला।