292 स्वयं सहायता समूहों के नहीं खुले खाते, नहीं मिल रहा रिकार्ड
प्रतापगढ़ जिले के सभी ब्लाकों में मिलाकर 292 ऐसे स्वयं सहायता समूह हैं जिनका खाता पांच साल
प्रतापगढ़ : जिले के सभी ब्लाकों में मिलाकर 292 ऐसे स्वयं सहायता समूह हैं, जिनका खाता पांच साल बाद भी नहीं खुला। यह एनआरएलएम के पोर्टल पर दिख रहा है , लेकिन पूरा ब्यौरा नहीं है। इसे लेकर विभाग परेशान है। विभाग ब्लाकों के बीडीओ को बुलाकर इसकी जानकारी दे रहे हैं। उनको जांच करके यह पता लगाने को कहा गया है कि यह समूह किस वर्ष में बनाए गए। समूह के सदस्यों समेत की रिपोर्ट का पता लगाने को भी कहा गया है। जिले में 17 ब्लाक हैं। इसके अंतर्गत एक हजार 193 ग्राम पंचायतें हैं। वैसे तो जिले में आठ हजार 24 स्वयं सहायता समूह बनाए गए हैं। वहीं सभी ब्लाकों में मिलाकर 292 ऐसे समूह हैं, जिनका कोई रिकार्ड नहीं मिल रहा है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन विभाग के अनुसार आसपुर देवसरा ब्लाक के आठ, बाबा बेलखरनाथ धाम के 53, बाबागंज के 35, बिहार के आठ, गौरा के पांच, कालाकांकर के नौ, कुंडा के 26, लक्ष्मणपुर के एक, लालगंज के तीन, मंगरौरा के 27, मानधाता के 68, पट्टी के तीन, सदर के 11, रामपुर संग्रामगढ़ के 11, संडवा चंद्रिका के पांच, सांगीपुर के 16 व शिवगढ़ के तीन समूहों का खाता अभी तक नहीं खुला है। इसका ब्योरा भी नहीं मिल पा रहा है। डीसी एनआरएलएम डॉ. एनएन मिश्रा ने बताया कि काफी संख्या में ऐसे समूह मिले हैं, जिनका खाता अभी तक नहीं खोला गया है। यह समूह काफी पुराने हैं। बीडीओ से इसकी जांच कराई जा रही है। --- आत्मनिर्भर बनीं गरीब महिलाएं स्वयं सहायता समूह से जुड़कर गांव की गरीब महिलाएं आत्मनिर्भर बनीं हैं। कई ऐसी महिलाएं हैं जो पहले मेहनत मजदूरी करती थीं, लेकिन समूह से जुड़ने के बाद वह आत्मनिर्भर बनीं। कोई महिला बकरी पालन कर रही है तो कोई मुर्गी पालन। इसी तरह से आंवले का उत्पाद तैयार करने के अलावा कई तरह का काम महिलाएं कर रहीं हैं।