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सबसे बड़ी ग्रामसभा में 26 लाख, छोटी ग्रामसभा में एक करोड़ का भुगतान

प्रवीण कुमार यादव प्रतापगढ़ यूं तो सरकारी धन के बंदरबांट का मामला कोई नया नहीं है। द

By JagranEdited By: Published: Wed, 08 Dec 2021 10:14 PM (IST)Updated: Wed, 08 Dec 2021 10:14 PM (IST)
सबसे बड़ी ग्रामसभा में 26 लाख, छोटी ग्रामसभा में एक करोड़ का भुगतान
सबसे बड़ी ग्रामसभा में 26 लाख, छोटी ग्रामसभा में एक करोड़ का भुगतान

प्रवीण कुमार यादव, प्रतापगढ़ : यूं तो सरकारी धन के बंदरबांट का मामला कोई नया नहीं है। दैनिक जागरण ने मनरेगा में कराए गए काम की रिपोर्ट देखनी शुरू की तो कई अजब-गजब संयोग देखने को मिले। हम आपके समक्ष बिहार ब्लाक के दो गांवों को उदाहरण के रूप में रख रहे हैं। दोनों के आकड़े से आप अंदाजा लगाएं कि आखिर इतना बड़ा अंतर कैसे हो सकता है। बिहार ब्लाक की सबसे बड़ी ग्राम सभा शकरदहा है। यहां की आबादी 10 हजार 500 है। गांव में छह हजार 728 पुरुष व तीन हजार 772 महिलाएं हैं। चारों ओर मिलाकर करीब 10 किमी में यह गांव फैला है। वहीं इसी ब्लाक के गोगौर गांव की आबादी करीब डेढ़ हजार की है। इसमें 803 पुरुष व 698 महिला की संख्या है। करीब चार किमी के एरिया में यह गांव विकसित है। सबसे हैरानी की बात यह है कि ब्लाक की सबसे बड़ी ग्राम सभा शकरदहा में मनरेगा मद से महज 26 लाख 47 हजार रुपये का भुगतान हुआ है। जबकि उससे काफी छोटी ग्राम सभा गोगौर में एक करोड़ चार लाख रुपये का भुगतान हुआ है। आखिर इतना बड़ा अंतर कैसे हो सकता है, फिलहाल सही-गलत का फैसला जांच के बाद ही लिया जा सकता है।

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जिले भर में 17 ब्लाक हैं। इसके अंतर्गत एक हजार 193 ग्राम पंचायतें हैं। मनरेगा मद में हो रहे अधिक भुगतान पर सवाल उठ रहा है। आकड़ों पर गौर करें तो सबसे अधिक भुगतान जिले के बिहार ब्लाक के गांवों में हुआ है। इसमें ब्लाक के अवतारपुर में 98 लाख सात हजार, पंचमहुआ में 82 लाख 25 हजार, उमरी बुजुर्ग में 74 लाख 84 हजार व कोर्रही में 82 लाख 22 हजार रुपये का भुगतान हुआ है। वहीं अब दूसरे ब्लाक के गांवों में मनरेगा मद से दिए गए धन का आकड़ा देखें। आसपुर देवसरा ब्लाक के मोलनापुर ग्रामसभा में 26.61 लाख, सपहाछात में 37.35 लाख, बाबा बेलखरनाथ धाम ब्लाक के खूंझीकला में 28.16 लाख, वीरमऊ विशुनदत्त में 55.42 लाख, बाबागंज ब्लाक के राम नगर में 48.64, मुरैनी में 39.78 लाख का भुगतान मैटरियल आदि के नाम पर हुआ है। वहीं कालाकांकर ब्लाक के कुसुवापुर में 36.82, कौड़ियाडीह में 30.39, कुंडा के ददौली में 39.57, रामापुर में 40.27, जहानाबाद में 44.89, लक्ष्मणपुर ब्लाक के देवली में 38.87, मानधाता के पूरे तोरई में 25.49, संडवा चंद्रिका के पूरे पांडेय, कमोरा व सांगीपुर के मुस्तफाबाद में 28 लाख रुपये का भुगतान हुआ है। यानि बिहार के अलावा अन्य ब्लाक में काफी कम भुगतान हुआ है। सीडीओ ईशा प्रिया इस बारे में गंभीर हैं। उन्होंने बताया कि बिहार ब्लाक के गांवों में मनरेगा के मद से हुए सबसे अधिक भुगतान को लेकर वह संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब करेंगी। इसकी जांच कराई जाएगी। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी।

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इन मदों में हुआ है भुगतान

जिन ग्राम पंचायतों में सबसे अधिक भुगतान हुआ है, उसमें खड़ंजा निर्माण, इंटरलॉकिग, बंधा निर्माण, तालाब की खोदाई, भूमि समतलीकरण, मेड़बंदी, पशु शेड, पौधारोपण के साथ ही प्रधानमंत्री आवास के लाभार्थियों की मजदूरी के नाम पर भुगतान हुआ है।

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एक अप्रैल से अब तक का भुगतान

मनरेगा मद में जो भुगतान हुआ है, इसमें एक अप्रैल से अब तक का भुगतान शामिल है। इसमें सबसे अधिक भुगतान सामग्री मद में हुआ है।

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मनरेगा से होने वाले कार्यों की सबसे पहले कार्ययोजना तैयार की जाती है। इसके बाद उसका स्टीमेट बनता है। स्टीमेट के अनुसार ही भुगतान होता है। - अरुण कुमार, बीडीओ बिहार मनरेगा से जो भी कच्चा काम हुआ है। उसी के अनुपात पक्का काम कराया गया है। मनरेगा से होने वाले कार्यों को तेजी से कराकर गांव का और विकास कराया जाएगा। - मंजू देवी, ग्राम प्रधान शकरदहा --- कच्चे काम के अनुपात में पक्का काम कम मिल पाता है। इसलिए ग्राम पंचायत में मनरेगा का कच्चा कार्य अधिक कराया जाता है। गांव में हमेशा मनरेगा मजदूरों को काम मिलता है। मनरेगा से काफी विकास कार्य कराए गए हैं।

- नवीन कुमार सिंह पिटू, ग्राम प्रधान गोगौर।


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