250 करोड़ से समूह की महिलाएं बनी आत्मनिर्भर
शासन की महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना से जुड़कर समूह की महिलाएं विकास की इबारत लिख रही हैं। शासन की ओर से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए रिवाल्विग फंड व सामुदायिक निवेश निधि के तहत करोड़ों रुपये मिले। इस पैसे से महिलाएं तरह-तरह के व्यवसाय कर गरीबी को मात दे रही हैं। वहीं यह महिलाएं अब दूसरों की भी रोजगार से जोड़ रही हैं।
संवाद सूत्र, प्रतापगढ़ : शासन की महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना से जुड़कर समूह की महिलाएं विकास की इबारत लिख रही हैं। शासन की ओर से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए रिवाल्विग फंड व सामुदायिक निवेश निधि के तहत करोड़ों रुपये मिले। इस पैसे से महिलाएं तरह-तरह के व्यवसाय कर गरीबी को मात दे रही हैं। वहीं यह महिलाएं अब दूसरों की भी रोजगार से जोड़ रही हैं।
वर्ष 2020-21 में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत जिले भर में 3980 समूहों को जोड़ने का लक्ष्य था। मार्च माह के भीतर तक विभाग ने 3300 समूहों को योजना से जोड़ा। प्रत्येक समूह की महिलाओं को रिवाल्विग फंड 15 हजार के हिसाब करीब 30 करोड़ रुपये समूहों के खाते में भेजा गया। इसके अलावा प्रति समूहों को सामुदायिक निवेश निधि 1.10 लाख के हिसाब से 220 करोड़ रुपये उनके खाते में भेजा जा चुका है। इस तरह से कुल महिलाओं के खाते में करीब 250 करोड़ रुपये भेजा जा चुका है। एक ओर जहां समूह की महिलाएं इस पैसे से बेबी टाईसाइकिल, आंवले का उत्पाद, बकरी पालन, मुर्गी पालन, मछली पालन आदि कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर यह महिलाएं गांव की गरीब महिलाओं को भी रोजगार से जोड़ रही हैं। खास बात यह है कि अब महिलाएं सोलर से जुड़े उपकरण भी तैयार करने लगी हैं। फिलहाल राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना समूह की महिलाओं के लिए संजीवनी साबित हो रही है। एनआरएलएम विभाग के जिला मिशन प्रबंधक रतन कुमार मिश्रा ने बताया कि साल भर में करीब 250 करोड़ रुपये महिलाओं के खाते में भेजा जा चुका है। इस पैसे से महिलाएं तरह-तरह के व्यवसाय कर रही हैं।