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24 घंटे बिजली आपूर्ति का दावा, 21 घंटे भी मिलना मुश्किल

जिले भर में चार वितरण खंड है। इसमें विद्युत वितरण खंड प्रथम में सदर पट्टी व संडवा चंद्रिका क्षेत्र शामिल है। दूसरे में कुंडा तीसरे में लालगंज और चौथे में रानीगंज को भी वितरण खंड बनाया गया है। जिले में चार लाख से अधिक कुल मिलाकर दो लाख से अधिक उपभोक्ता हैं। बिजली विभाग के मुताबिक जिले में 100 मिलियन यूनिट बिजली मिलती है। मिली बिजली की खपत भी पूरी होने का दावा महकमा कर रहा है। एक ओर जहां शहर में 24 घंटे व ग्रामीण इलाकों में 18 घंटे आपूर्ति किए जाने का दावा विभाग कर रहा है हकीकत में ऐसा नहीं है। शहर में 22 घंटे व ग्रामीण इलाकों में 16 घंटे बड़ी मुश्किल से आपूर्ति हो पा रही है। ऐसा विभाग का मानना है। पिछले दिनों बारिश व आंधी से बिजली व्यवस्था ध्वस्त हो गई। पखवारे भर से शहर व अंचल में कई घंटे तक बिजली की कटौती हो रही है। ऐसे में उपभोक्ताओं को काफी दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 12 Jun 2021 11:01 PM (IST)Updated: Sat, 12 Jun 2021 11:01 PM (IST)
24 घंटे बिजली आपूर्ति का दावा, 21 घंटे भी मिलना मुश्किल
24 घंटे बिजली आपूर्ति का दावा, 21 घंटे भी मिलना मुश्किल

संवाद सूत्र, प्रतापगढ़ : बिजली की कटौती जारी है। ग्रामीण इलाकों में ही नहीं बल्कि शहर में भी पूरे दिन में दो से चार बार बिजली की कटौती होना आम बात हो गई है। दिन के अलावा रात में भी कई बार कटौती हो जाती है। इससे छात्रों, किसानों, उद्यमियों व व्यापारियों को काफी दिक्कतें हो रही हैं। इस तरह की आए दिन हो रही समस्या से उपभोक्ता बिजली विभाग पर खफा हैं।

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जिले भर में चार वितरण खंड है। इसमें विद्युत वितरण खंड प्रथम में सदर, पट्टी व संडवा चंद्रिका क्षेत्र शामिल है। दूसरे में कुंडा, तीसरे में लालगंज और चौथे में रानीगंज को भी वितरण खंड बनाया गया है। जिले में चार लाख से अधिक कुल मिलाकर दो लाख से अधिक उपभोक्ता हैं। बिजली विभाग के मुताबिक जिले में 100 मिलियन यूनिट बिजली मिलती है। मिली बिजली की खपत भी पूरी होने का दावा महकमा कर रहा है। एक ओर जहां शहर में 24 घंटे व ग्रामीण इलाकों में 18 घंटे आपूर्ति किए जाने का दावा विभाग कर रहा है, हकीकत में ऐसा नहीं है। शहर में 22 घंटे व ग्रामीण इलाकों में 16 घंटे बड़ी मुश्किल से आपूर्ति हो पा रही है। ऐसा विभाग का मानना है। पिछले दिनों बारिश व आंधी से बिजली व्यवस्था ध्वस्त हो गई। पखवारे भर से शहर व अंचल में कई घंटे तक बिजली की कटौती हो रही है। ऐसे में उपभोक्ताओं को काफी दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं।

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मौसम खराब चल रहा है। लाइन में आए दिन फाल्ट हो रहा है। तार पर पेड़ व उसकी टहनियों के गिरने से बिजली आपूर्ति ठप हो जा रही है। इस वजह से काफी दिक्कतें हो रही हैं। पूरा प्रयास रहता है कि शहर व अंचल में निर्धारित रोस्टर के अनुसार ही बिजली की आपूर्ति कराई जाए।

- सत्यपाल कुशवाहा, अधीक्षण अभियंता विद्युत विभाग

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लालगंज में साढ़े 10 व पट्टी में ढाई घंटे की कटौती

नगर पंचायत लालगंज क्षेत्र में साढ़े 21 घंटे व ग्रामीण इलाकों में 18 घंटे बिजली की आपूर्ति हो रही है। बिजली विभाग के अनुसार नगर क्षेत्र में सुबह आठ से दिन में नौ बजे तक व दोपहर में तीन से साढ़े चार बजे तक बिजली कटौती होती है। वहीं ग्रामीण इलाके में सुबह पांच से आठ बजे तक व दोपहर में डेढ़ बजे से साढ़े चार बजे तक कटौती किए जाने का रोस्टर है। इसी तरह से पट्टी क्षेत्र में सुबह पौने आठ बजे से पौने नौ बजे, शाम को सवा पांच से पौन छह बजे तक कटौती किए जाने रोस्टर है। कुल ढाई घंटे की कटौती किए जाने का रोस्टर निर्धारित है।

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संविदा कर्मियों के भरोसे है संडवा चंद्रिका क्षेत्र की विद्युत व्यवस्था

संसू, संडवा चंद्रिका : क्षेत्र की विद्युत व्यवस्था संविदा कर्मियों के भरोसे है। लोकल फाल्ट के नाम पर आए दिन विद्युत कटौती की जाती है, जिससे ग्रामीणों को शासन द्वारा निर्धारित रोस्टर से बिजली सप्लाई नहीं मिल पाती है। शासनादेश के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे बिजली सप्लाई देने के आदेश है, लेकिन कहीं लोकल फाल्ट तो कहीं लो वोल्टेज की समस्या ग्रामीणों को झेलनी पड़ती है। यहां 12 से 14 घंटे बिजली उपभोक्ताओं को मिल पाती है। यही हाल उप केंद्र नगर पंचायत अंतू का है। अंतू टाउन से जुडे़ उपभोक्ताओं को साढ़े 21 घंटे व ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं को 18 घंटे बिजली सप्लाई देने का आदेश है। टाउन में सुबह साढ़े सात से साढ़े आठ तक शाम पांच बजे से साढ़े छह बजे तक ढाई घंटे बिजली कटौती की जाती है। वहीं ग्रामीण क्षेत्र में दिन में नौ बजे से 11 बजे तक, दिन में तीन बजे से साढ़े चार बजे तक अतिरिक्त कटौती की जाती है। लेकिन लोकल फाल्ट व जर्जर उपकरण के चलते बिजली सप्लाई रोस्टर के अनुरूप नहीं मिल पाती है। फाल्ट ठीक करने में 12 से 18 घंटे का समय लग जाता है। इससे उपभोक्ताओं को दिक्कत का सामना करना पड़ता है।

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समय से बिजली न मिलने से फ्रिज गरम पड़ जाती है, जिससे उसमें रखी दवाइयों व वैक्सीन के खराब होने की आशंका रहती है।

- हेमंत सिंह गुड्डू, दवा कारोबारी चंद्रिकन

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कभी गड़वारा से कटौती तो कभी उपकेंद्र से कटौती होने से सप्लाई बंद कर दी जाती है। इससे किसानों के पंपिग सेट ठप पड़ जाते हैं।

- राज नागेंद्र बहादुर सिंह, किसान चतुरपुर

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समय से बिजली न मिल पाने से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी नहीं हो पाती है। गर्मी के चलते दिन में शिक्षण कार्य नहीं हो पाता है।

- अभिषेक तिवारी, प्रतियोगी छात्र

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पिछले कुछ दिनों से दिन भर में कई बार बिजली की कटौती हो रही है। इससे काफी पैसा जेनरेटर चलाने के लिए डीजल में खर्च हो जा रहा है।

- मनोज सिंह, गोड़े, उद्यमी


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