1.86 करोड़ से समूह की महिलाएं शुरू करेंगी कारोबार
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना समूह की महिलाओं के लिए संजीवनी साबित हो रही है। एक ओर जहां इस योजना से जुड़कर गांव की गरीबी महिलाएं रोजगार परक बनी हैं वहीं दूसरी ओर यह महिलाएं अब गांव की बेरोजगार महिलाओं को भी रोजगार से जोड़ रही हैं। शासन की ओर से इन महिलाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए करोड़ों रुपये का बजट मिला है। बजट कम पड़ने पर विभाग की ओर से 1.
संवाद सूत्र, प्रतापगढ़ : राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना समूह की महिलाओं के लिए संजीवनी साबित हो रही है। एक ओर जहां इस योजना से जुड़कर गांव की गरीबी महिलाएं रोजगार परक बनी हैं, वहीं दूसरी ओर यह महिलाएं अब गांव की बेरोजगार महिलाओं को भी रोजगार से जोड़ रही हैं। शासन की ओर से इन महिलाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए करोड़ों रुपये का बजट मिला है। बजट कम पड़ने पर विभाग की ओर से 1.86 करोड़ रुपये की डिमांड शासन में हुई है। बजट मिलते ही यह महिलाएं रोजगार से जुड़ जाएंगी।
जिले भर में 17 ब्लाक है। इसके अंतर्गत सदर, मानधाता, आसपुर देवसरा, बाबागंज, गौरा, बिहार, बाबा बेलखरनाथ धाम, संडवा चंद्रिका सहित अन्य ब्लाक शामिल है। शासन की महत्वाकांक्षी योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से अभी तक पांच हजार से अधिक महिलाएं स्वयं सहायता समूह से जुड़ चुकी हैं। इसमें एक हजार से अधिक महिलाओं को एनआरएलएम विभाग की ओर से रिवाल्विग फंड व सामुदायिक निवेश निधि के तहत करीब 1.86 करोड़ रुपये की डिमांड शासन में की गई है। बजट मिलते ही पैसा समूह के खाते में भेज दिया जाएगा। इस पैसे से महिलाएं मछली पालन, बकरी पालन, मुर्गी पालन, बेबी ट्राईसाइकिल, आंवले का उत्पाद, नर्सरी सहित अन्य तरह के कामकाज कर सकेंगी। एनआरएलएम के जिला मिशन प्रबंधक अख्तर मसूद ने बताया कि बजट की मांग शासन में की गई है। जो भी बजट मिलेगा, उसे सीधा समूह के खाते में भेजा जाएगा। इस पैसे से महिलाएं कोई भी व्यवसाय कर सकती हैं।
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मिलेंगे 1.25 लाख रुपये
रिवाल्विग फंड के तहत प्रत्येक समूह को 15 हजार रुपये व सामुदायिक निवेश निधि के तहत एक लाख 10 हजार रुपये दिए जाएंगे। इस पैसे से महिलाएं कोई भी काम कर सकेंगी।