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वाह नेताजी फिर कर दी पार्टी की फजीहत

सत्तारूढ़ पार्टी के एक जिला स्तरीय पदाधिकारी कुछ ऐसा कर देते हैं जिससे पार्टी की फजीहत होती है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की नामांकन प्रक्रिया के दौरान नेताजी ने यह कहकर सुर्खियां बटोरने की कोशिश की कि उनका वोट शहर से सटे ग्राम पंचायत में था। वह क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे लेकिन साजिश के तहत उनका वोट ही काट दिया गया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Apr 2021 11:34 PM (IST)Updated: Mon, 19 Apr 2021 11:34 PM (IST)
वाह नेताजी फिर कर दी पार्टी की फजीहत
वाह नेताजी फिर कर दी पार्टी की फजीहत

पीलीभीत,जेएनएन : सत्तारूढ़ पार्टी के एक जिला स्तरीय पदाधिकारी कुछ ऐसा कर देते हैं, जिससे पार्टी की फजीहत होती है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की नामांकन प्रक्रिया के दौरान नेताजी ने यह कहकर सुर्खियां बटोरने की कोशिश की कि उनका वोट शहर से सटे ग्राम पंचायत में था। वह क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन साजिश के तहत उनका वोट ही काट दिया गया। नेताजी यही नहीं रुके बल्कि वोट काटने के लिए एक अफसर को ही जिम्मेदार ठहरा दिया। उनका आरोप था कि अफसर ने स्वजातीय दावेदार को लाभ पहुंचाने के लिए उनका वोट कटवाया। नेताजी के मामले को लेकर राजनीतिक गलियारे में तमाम तरह की चुटकियां ली जा रही हैं। यह भी याद दिलाना जरूरी है कि इन्ही नेताजी ने पिछले लाकडाउन की पाबंदियों को धता बताते हुए अपने घर में बर्थ डे पार्टी का आयोजन कर फेसबुक लाइव किया था। नेताजी ने नगर पालिका चुनाव में कई बार किस्मत आजमा चुके हैं, लेकिन कामयाबी उनके पास नहीं फटकी। बुरे फंसे नेताजी, ब्याज समेत दी रकम

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पूरनपुर क्षेत्र में ब्लाक की राजनीति में पैर जमाने की कोशिश में जुटे एक नेताजी पर बैंक का लाखों रुपये का कर्ज था। बैंक मैनेजर ने उनसे कई बार मामले को निपटाने तथा छूट देने की बात कही, लेकिन नेताजी ने तो उनकी एक न सुनी। इस बीच पंचायत चुनाव का बिगुल बज गया। डीएम ने बकाया जमा करने के बाद ही पर्चा दाखिल करने का फरमान जारी किया। अब नेताजी भागे भागे बैंक मैनेजर के पास पहुंचे तो उन्होंने मय ब्याज भुगतान करने को कहा। परेशानहाल नेताजी ने ब्याज समेत भुगतान दिया तो तहसील का भी 10 फीसद हिस्सा जमा करना पड़ा। दरअसल कर्ज की एक मुश्त अदायगी के लिए चल रही स्कीम भी खत्म हो चुकी थी। फिर क्या नेताजी बार बार अपनी किस्मत को ही कोस रहे थे। गेहूं खरीद धांधली..टायं टायं फुस्स

स्थानीय मंडी समिति में गेहूं खरीद व्यवस्था के नाम पर बरती जा रही धांधलेबाजी को लेकर एक माननीय मुखर हो गए। मौके पर पहुंचकर नगर मजिस्ट्रेट को भी तलब कर लिया। देखते-देखते कई केंद्र प्रभारी पकड़े गए। मामला मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंच गया। प्रभारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की तैयारी शुरू कर दी गई। इस बीच माननीय के पास यहां कई प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने इस मामले में कार्रवाई नहीं करने की गुहार की। माननीय ने पहले तो साफ इन्कार कर दिया, लेकिन तभी आरोपित केंद्र प्रभारी बार-बार माफी मांगने लगे, जबकि माननीय कह रहे थे कि कान खोलकर सुन लो किसान का हित सर्वोपरि है, इससे कोई समझौता नहीं किया जा सकता। कुछ घंटों के मानमनोव्वल के बाद माननीय के तेवर कुछ नरम दिखाई देने लगे। नतीजा यह रहा कि माननीय ने केंद्र प्रभारियों को कड़ी चेतावनी देकर माफ कर दिया। हालांकि माननीय का यह रवैया लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है। जनता की जय हो

इसे कोरोना महामारी का खौफ भी कह सकते हैं या फिर बीमारी के प्रति जागरूकता। रविवार को कोरोना क‌र्फ्यू के दौरान पीलीभीत शहर के गौहनिया चौराहा, छतरी चौराहा, नौगवां चौराहा, नकटादाना चौराहा, गैस चौराहा, ड्रमंडगंज चौराहा समेत अन्य सार्वजनिक स्थानों पर दिन भर पुलिस का मूवमेंट दिखाई नहीं दिया, जबकि सामान्य दिनों में गौहनियां चौराहा समेत कई स्थानों पर भारी संख्या में खाकी मुस्तैद रहती है। ऐसे में कोरोना क‌र्फ्यू के दौरान पुलिस का तैनात नहीं होना हैरानी तो पैदा करता है, जब एक अफसर से सवाल किया तो बोले कि पब्लिक ने बड़ी समझदारी का परिचय दिया है। लोग खुद ही घरों से बाहर नहीं निकले तो पुलिस की जरूरत क्यों? अफसर यही नहीं रुके कहने लगे कि शनिवार की शाम तक कुछ नकारात्मक विचार मन में आ रहा था, लेकिन पब्लिक रेस्पांस ने तो दिल बाग बाग कर दिया।


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