न्यायिक मजिस्ट्रेट ने सरकारी अस्पताल में कराई डिलीवरी
आमतौर पर अधिकारी सरकारी अस्पतालों की सेवाएं लेने से कतराते हैं, क्योंकि उन्हें विश््वास नहीं है।
पीलीभीत : आमतौर पर अधिकारी सरकारी अस्पतालों की सेवाएं लेने से कतराते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि समुचित सुविधाएं हासिल नहीं हो सकेंगी लेकिन सदर तहसील के एसडीएम की पत्नी न्यायिक मजिस्ट्रेट अलका पांडेय ने जिला महिला अस्पताल में ही अपने सारे चेकअप कराए और फिर डिलीवरी के लिए भी वहीं पहुंची। ऑपरेशन के बाद उन्होंने स्वस्थ बेटी को जन्म दिया। इस कार्य से समाज में सरकारी अस्पतालों के प्रति अच्छा संदेश गया है।
सदर तहसील में एसडीएम सौरभ दुबे की पत्नी अलका पांडेय न्यायिक मजिस्ट्रेट हैं। जिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अनीता चौरसिया के अनुसार अलका पांडेय ने गर्भावस्था के सभी चेकअप यहां कराए थे। सोमवार की रात उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था। गर्भावस्था के दिन कुछ चढ़ गए थे। ऐसे में ऑपरेशन करने का निर्णय लेना पड़ा। मंगलवार को सुबह 10 बजकर 40 मिनट पर ऑपरेशन से उन्होंने बेटी को जन्म दिया। नवजात का वजन 3 किलो 900 ग्राम है। बच्ची पूरी तरह स्वस्थ है। जिला महिला अस्पताल में ही प्रसव कराना क्यों पसंद किया, जब ये सवाल अलका के पति एसडीएम से पूछा गया तो उनका कहना था कि सरकारी अस्पतालों के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है। उनके अलावा पहले भी अधिकारी परिजनों के लिए सरकारी अस्पताल की सेवाएं लेते रहे हैं।