महिला आरक्षी की दो माह की छुट्टी बनी रहस्य
जागरण संवाददाता पीलीभीत शहर में एसएसबी की महिला आरक्षी शिल्पी गौड़ की ओर से घटना वाले दिन दो माह की छुंट्टी रहस्यबनकर रह गई है।
जागरण संवाददाता, पीलीभीत : शहर में एसएसबी की महिला आरक्षी शिल्पी गौड़ की ओर से घटना वाले दिन ही दो माह की छुट्टी स्वीकृत कराने की कहानी रहस्य बनकर रह गई। अगर उसने पहले से ही खुदकशी का इरादा कर लिया था तो फिर इतनी लंबी छुट्टी किसलिए स्वीकृत कराई। छुट्टी लेकर क्या वह कहीं बाहर जाना चाहती थी? ये ऐसे सवाल हैं, जिनके जवाब नहीं मिल रहे हैं, उसकी मौत के बाद परिवार में गमगीन माहौल छाया रहा।
कोतवाली थाना क्षेत्र के मुहल्ला आसफजान निवासी सर्वेश गौड़ के दो बेटे और दो बेटियां है। सबसे बड़ी शिल्पी गौड़, श्वेता गौड़, भाई शोभित गौड़, अंकुश गौड़ हैं। पिता सर्वेश गौड़ शहर की एक राइस मिल में नौकरी कर अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं। शिल्पी ने विगत वर्ष 2008 में एसएससी के द्वारा आयोजित परीक्षा उत्तीर्ण की थी। इसके बाद महिला आरक्षी के पद पर नियुक्ति गई थी। उसकी सबसे पहली तैनाती दिल्ली के गुड़गांव में हुई थी, जिसके बाद स्थानांतरण पर उसकी तैनाती शहर के दूधिया मंदिर रोड पर स्थित डीआइजी कार्यालय में चल रही थी। वह कई वर्षो से जिले में ही तैनात थी। नौकरी लगने के बाद परिजनों ने विगत वर्ष 2013 में शादी गोरखपुर जिले के फर्टिलाइजर कालोनी निवासी शेष नरायण त्रिपाठी के बेटे दीप नरायन त्रिपाठी के साथ कर दी थी। शेष नरायन पुलिस विभाग में दारोगा के पद पर तैनात हैं। मृतका का पति गोरखपुर में ही प्राइवेट नौकरी करता है। वर्तमान में शिल्पी की तैनाती एसएसबी डीआईजी कार्यालय में होने के कारण वह अपने मायके में न रहकर शहर के पूरनमल में किराए पर कमरा लेकर अपने दो बच्चों के साथ रहती थी। मृतका का पति बच्चों का हालचाल जाने के लिए कभी कभी आया करता था। सोमवार को उसका पति आया हुआ था। शिल्पी ने बुधवार को कार्यालय से अपनी दो माह की छुट्टी स्वीकृत कराई थी। जाहिर है कि छुट्टी के दौरान उसका कहीं बाहर जाने का कार्यक्रम रहा होगा लेकिन न जाने ऐसा क्या हुआ कि गुरुवार को देर सायं उसने अपने कमरे में पंखे से फंदा फंसाकर खुदकशी कर ली। उसकी मौत के बाद हर किसी की जुबां पर बस एक ही सवाल था कि दो माह की छुट्टी आखिर क्यों ली थी। उसकी मौत के साथ में उसकी छुट्टी का राज भी दफन होकर रह गया है। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करने के बाद परिजनों के सुपुर्द कर दिया। शिल्पी का शव देखकर हर किसी की आंखें नम हो गई। मां के शव को देखकर उसका बेटा कृष्णा और बेटी परी बिलख कर रोने लगीं। मासूम बच्चों की समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर मां को क्या हो गया है।