रिमझिम बारिश से मौसम सुहाना, फसलों को फायदा
मंगलवार की प्रात से ही आसमान पर बादल उमड़ आए और रिमझिम बारिश होने लगी। मौसम सुहाना हो गया। सुबह करीब सवा आठ बजे तक हल्की बारिश होती रही। बारिश थमने के बाद भी आसमान पर बादल मंडराते रहे। साथ ही हवा चलती रही।
पीलीभीत,जेएनएन : मंगलवार की प्रात: से ही आसमान पर बादल उमड़ आए और रिमझिम बारिश होने लगी। मौसम सुहाना हो गया। सुबह करीब सवा आठ बजे तक हल्की बारिश होती रही। बारिश थमने के बाद भी आसमान पर बादल मंडराते रहे। साथ ही हवा चलती रही।
पश्चिमी विक्षोभ के चलते तराई के जिले में कई दिनों से रुक रुक कर कभी तेज तो कभी हल्की बारिश होती रही है। गन्ने की फसल को काफी फायदा पहुंचा है। सोमवार की रात भी पिछले हफ्ते जैसी उमस नहीं महसूस की गई। मंगलवार को प्रात: होते ही फिर बादल उमड़े और तराई की धरती को भिगोया। सुबह दूध, फल-सब्जी खरीदने निकले लोग बारिश से बचने के लिए छाता लगाए दिखे। राजकीय कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ विज्ञानी डा. शैलेंद्र सिंह ढाका के अनुसार मौसम का यह बदलाव पश्चिमी विक्षोभ के कारण है। अगले दो दिन भी इसी तरह से आसमान पर बादल उमड़ने और कहीं कहीं छिटपुट बारिश होने की संभावना है। डा. ढाका के मुताबिक मंगलवार को अधिकतम तापमान 33.4 तथा न्यूनतम 24.9 डिग्री रिकार्ड किया गया। पिछले सप्ताह बारिश होने से पूर्व अधिकतम तापमान 40.1 डिग्री तक पहुंच गया था। सोमवार को अधिकतम तापमान 34.5 डिग्री रिकार्ड किया गया था, इसमें एक डिग्री की और कमी आई है।
नीचे स्थानों पर गन्ने के खेत में पानी भरने से दिक्कत
पूरनपुर : तहसील क्षेत्र में जमकर हुई बरसात से खाली खेत भी पूरी तरीके से जलमग्न हो गए हैं। जिन खेतों में गन्ने की लेट बुवाई हुई थी वह फसल पानी से आधी डूब गई हैं। किसानों को काफी नुकसान होने की आशंका है। कई जगह किसानों ने रोपाई की तैयारी कर दी है।
मैदानी और पहाड़ी क्षेत्र में पिछले 2 दिनों से झमाझम बारिश हो रही है। सोमवार की रात 12 बजे से मंगलवार दिन के 12 बजे तक बरसात होती रही। रात में भारी बारिश की वजह से खाली पड़े खेत भी लबालब पानी से भर गए हैं। जिन किसानों ने गन्ने की लेट बुवाई की थी उस खेत में खड़ा गन्ना पानी की वजह से आधा डूबा गया है। इससे उसके उत्पादन पर बेहद विपरीत प्रभाव पड़ना बताया जा रहा है। सूखे पड़े खेत पानी से लबालब भर जाने के कारण किसानों ने धान की रोपाई की तैयारी शुरू कर दी है। कुछ स्थानों पर धान की रोपाई भी तेजी के साथ की जा रही है। रोपाई किए हुए खेतों को पानी से बेहद फायदा है। अच्छी बरसात से पिछले एक वर्ष से सूखे पड़े तालाब भी पानी से भर गए हैं। किसानों ने बताया कि धान की रोपाई के लिए उन्हें सिर्फ खेत की जुताई करानी पड़ेगी। इसके बाद वह रोपाई कर सकेंगे।