हलक तर करने के मुकम्मल इंतजाम नहीं
पीलीभीत : कस्बों और गांवों में लोगों को स्वच्छ पेयजल मुहैया कराए जाने के लिए टंकियों के निर्माण एवं
पीलीभीत : कस्बों और गांवों में लोगों को स्वच्छ पेयजल मुहैया कराए जाने के लिए टंकियों के निर्माण एवं पाइप लाइनें बिछाने पर करोड़ों रुपये खर्च हो गए लेकिन फिर भी लोगों को स्वच्छ पेयजल नसीब नहीं हो पा रहा है। बीसलपुर के कई मुहल्लों में पाइप लाइन ही नहीं है और मंडी समिति परिसर में बनी खड़ी टंकी से अब तक लोगों को एक बूंद पानी नहीं मिल सका है। अमरिया में सीएचसी परिसर में बनी टंकी का भी यही हाल है। सांसद के आदर्श गांव में भी टंकी बनी,पाइप लाइन भी बिछ गई लेकिन पानी लोगों को फिर भी नहीं मिल पा रहा है।
पूरनपुर : शहर से लेकर देहात तक के लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए करोड़ों की लागत से पानी की टंकियां बनाई जा रही हैं परंतु अव्यवस्थाओं के चलते कहीं काम पूरा नहीं हुआ तो कहीं टंकियां हैंडओवर नहीं हुईं। जहां हैंडओवर हो गईं वहां संचालन के लिए बिजली या पाइप लाइन लीकेज की समस्याएं बनी हुई हैं। नगर क्षेत्र में तीन टंकियां होने के बाद भी लोगों को शुद्ध पेयजल के लिए तरसना पड़ता है। समय पर पानी न मिलने एवं गंदा पानी मिलने के कारण दर्जनों लोग कनेक्शन कटवा चुके हैं। देहात में करोड़ों की लागत से बनी
टंकी भी सफेद हाथी साबित हो रही है। पंकज कालोनी में बिछाई लाइनें अभी से खराब हो गई। पानी लीक होने से बिन बरसात जलभराव हो रहा है। सिमरिया में बनी टंकी से भी पानी नहीं मिल पा रहा है। यहां कई तरह की खराबियों से दिक्कत है। देहात क्षेत्रों में तो हालात और बदतर हैं।
घुंघचाई : सांसद के आदर्श गांव गुलडि़या भूप ¨सह में कई करोड़ रुपये खर्च करके पानी की टंकी तो बना दी गई। लाइनें भी बिछ गईं लेकिन गांव के लोग शुद्ध पेयजल के लिए परेशान हैं। वहीं एनएम सेंटर के पास लगी
पानी की टंकी से सौर उर्जा पैनल भी चोरी कर लिए गए। नये लगाने की जरूरत विभाग ने नहीं समझी। लोगों ने बदहाल व्यवस्था को ठीक कराये जाने की मांग की है।
दिलावरपुर : बसपा शासनकाल में पुन्नापुर टांडा में स्वीकृत हुई पानी की टंकी का काम करोड़ों की लागत से किया गया। तत्कालीन जिलाधिकारी ओएन ¨सह ने पानी की टंकी का उदघाटन भी किया था। तब ग्रामीण
गांव में पानी की टंकी लग जाने से काफी खुश थे लेकिन ठेकेदार की लेटलतीफी और विभाग की लापरवाही से आज तक टोटियों से पानी की एक बूंद भी नहीं टपक पाई।
हजारा : इंडो नेपाल बॉर्डर क्षेत्र के गांव बमनपुरी भगीरथ के गांव कंबोजनगर में सालों पहले करोड़ों रुपये की लागत से एक पानी की टंकी का निर्माण एक पानी की टंकी का निर्माण कराया गया था। मगर यह टंकी आज तक चालू नहीं हो सकी है और ना ही पाइप लाइन बिछाने का काम ही पूरा हो सका है। इंडो नेपाल बॉर्डर क्षेत्र के गांव ¨सघाड़ा उर्फ टाटरगंज, कंबोजनगर, आजाद नगर, टिल्ला नंबर 4, राघवपुरी आदि में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए करोड़ों रुपये की लागत से पानी टंकी का निर्माण कराया गया है। मगर चालू ना होने से बॉर्डर क्षेत्रवासियों को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। इतना ही नहीं अशुद्ध पानी पीने से लोग बीमार हो रहे हैं। इधर जिला प्रशासन का ध्यान नहीं जाने से पानी टंकी निर्माण कार्य पूरा नहीं हो रहा है।
बीसलपुर : शहर में मात्र एक पानी की टंकी के सहारे जलापूर्ति की जा रही है। टंकी पूरे शहर को जलापूर्ति करने में असहाय बनी हुई है। यहां तक कि एक दर्जन से अधिक मुहल्लों में अभी तक पाइप लाइन भी नहीं बिछाई गई हैं। गर्मी में लोगों को पेयजल संकट से जूझना पड़ रहा है। जिन कालोनियों में पाइप लाइन नहीं बिछवाई गई है वहां रहने वाले लोगों से गृहकर के साथ साथ जलकर की अदायगी भी जलापूर्ति का लाभ दिए बिना ही करनी पड़ रही है। कई बार नागरिकों द्वारा संबंधित अधिकारियों से शिकायत की गई परंतु समस्या की ओर ध्यान नहीं दिया गया। हालांकि पालिका प्रशासन शहर में दो और पानी की टंकियों का निर्माण कराने को पिछले कई वर्षों से प्रयासरत है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, तहसील परिसर में लोगों को शुद्व पेयजल मुहैया कराने के लिए करोड़ो की लागत से बनाई गई टंकियां पिछले कई वर्षों से खराब पड़ी हैं उन्हें ठीक करवाने की विभागीय अधिकारी सुधि नहीं ले रहे हैं। कृषि उत्पादन मंडी समिति में किसानों के लिए बनवाई गई पानी की टंकी पिछले कई वर्षों से निष्प्रयोज पड़ी हुई है। ग्राम मीरपुर वाहनपुर में एक करोड़ से अधिक लागत बनवाई गई पानी की टंकी शो-पीस बनी हुई है। गर्मी में टंकी चालू न होने से ग्रामवासी पेयजल संकट से परेशान हैं।
अमरिया : विकास खंड क्षेत्र में अमरिया मुडलिया गौसू सरैनी तुरकुनिया धुंधरी में करोड़ों की लागत से टंकियां बनाईं गई है लेकिन अभी पूर्ण रूप से पाने की सप्लाई नहीं हो रही है कहीं लाइन खराब है कही टोटियां खराब है चौबीस घंटों मे सिर्फ तीन बार पानी की सप्लाई की जाती है वह भी पूरे गांव में पानी नहीं पहुंचता है पानी की सप्लाई बहुत धीमी होती है जिससे कई मोहल्लों में पानी बहुत कम मात्रा में पानी टोटियों से निकलता है जिससे गर्मी में उपभोक्ताओं को पानी की किल्लत हो रही है इसके अलावा सीएचसी अमरिया मे पानी की टंकी बने कई वर्ष बीत चुके हैं।