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यूरिया खाद की किल्लत से जूझ रहे किसान

यूरिया की किल्लत से किसान बेहद परेशान नजर आ रहे हैं। समितियों पर पर्याप्त उपलब्धता न होने के कारण दुकानों पर खाद लेने के लिए कड़ी धूप में किसानों की लाइनें लग रही हैं। खाद के साथ जबरन जिक दी जा रही है। इससे उनका आर्थिक दोहन हो रहा है। किसान खाद पाने के लिए मारा मारा फिर रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 06 Aug 2020 10:56 PM (IST)Updated: Thu, 06 Aug 2020 10:56 PM (IST)
यूरिया खाद की किल्लत से जूझ रहे किसान
यूरिया खाद की किल्लत से जूझ रहे किसान

पीलीभीत,जेएनएन : यूरिया की किल्लत से किसान बेहद परेशान नजर आ रहे हैं। समितियों पर पर्याप्त उपलब्धता न होने के कारण दुकानों पर खाद लेने के लिए कड़ी धूप में किसानों की लाइनें लग रही हैं। खाद के साथ जबरन जिक दी जा रही है। इससे उनका आर्थिक दोहन हो रहा है। किसान खाद पाने के लिए मारा मारा फिर रहा है।

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बरसात के बाद किसान धान के खेतों में यूरिया खाद लगता है। तीसरी खाद का समय हो गया है। ऐसे में किसानों को खाद की बेहद आवश्यकता है। खाद पाने के लिए दुकानदारों के अलावा सहकारी समितियों पर पहुंच रहा है। किसानों ने बताया कि सहकारी समितियों में खाद की पर्याप्त उपलब्धता न होने के कारण उनको दुकानदारों के यहां से खरीदनी पड़ रही है। किसानों को दुकानस्वामी ओवररेट में खाद दे रहे हैं। तय रेट में देने पर उन्हें जिक दी जा रही है जो प्रमाणित नहीं हैं। इसके चलते उनका आर्थिक दोहन हो रहा है और फसलों को भी काफी नुकसान पहुंच रहा है। किसानों ने बताया कि समय पर खाद न मिलने से फसल की उत्पादन क्षमता पर काफी प्रभाव पड़ सकता है। नगर के कई केंद्रों पर खाद लेने के लिए उमस भरी गर्मी और तपती धूप में खाद के लिए किसान लाइन में खड़े देखे जा सकते हैं। किसानों ने बताया कि यूरिया खाद की किल्लत काफी समय से है जो पूरी नहीं हो पा रही है। खाद की उपलब्धता न होने की वजह से किसान दुकानों और समितियों में मारे मारे फिर रहे हैं। इस ओर उच्चाधिकारी भी कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं जिससे किसान फसल को लेकर काफी चितित नजर आ रहा है। किसान नेता मंजीत सिंह ने इस मामले में जिलाधिकारी को अवगत कराकर पर्याप्त खाद की उपलब्धता कराने की बात कही है। सहायक निबंधक सहकारी समितियां वीर विक्रम सिंह ने बताया कि उन्होंने पहले से डिमांड भेज दी है। दो से तीन दिन में खाद की रैक पीलीभीत पहुंच जाएगी। वह लगातार प्रयास में जुटे हुए हैं।


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