जंगल किनारे टूरिज्म की पहल को मिलेगा बल
टाइगर रिजर्व के जंगल को पास से निहारने के लिए देशी-विदेशी टूरिस्टों का आना शुर हो गया है।
पीलीभीत : टाइगर रिजर्व के जंगल को पास से निहारने के लिए देशी-विदेशी टूरिस्टों का आना शुरू हो गया है। ईको पर्यटन केंद्र चूकाबीच की एक झलक पाने के लिए प्रत्येक टूरिस्ट लालयित रहते हैं। पहली बार जंगल किनारे अस्थाई आवास बनाकर टूरिज्म की पहल की गई है, जो आने वाले समय में बहुत ही पसंद की जाएगी। जंगल किनारे गांवों में बने तंबुओं को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आ रहे हैं।
टाइगर रिजर्व का जंगल टूरिस्टों के लिए खोल दिया गया है। रुहेलखंड जोन के मुख्य वन संरक्षक अर¨वद गुप्ता और जिलाधिकारी डॉ.अखिलेश कुमार मिश्र ने पर्यटन सीजन का शुभारंभ किया था। पहले दिन टूरिस्टों ने जंगल की सैर करके आनंद उठाया था। इसके बाद टूरिस्टों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है। उत्तर प्रदेश वन निगम ने होम स्टे योजना लागू करने का फैसला किया था, लेकिन अभी तक होम स्टे योजना शुरू नहीं हो पाई है। योजना में गांव के किनारे घरों में प्रयोग से बचे कमरे को पर्यटकों के लिए सुरक्षित करने की योजना थी। इससे गृह स्वामी को भी आर्थिक लाभ पहुंचा। अब जंगल किनारे के गांवों में पर्यटन की संभावनाएं काफी अधिक हो गई है। पहली बार माधोटांडा थाना क्षेत्र के हल्दी डेंगा के पास एक फार्म हाउस में टेंट से आवासीय व्यवस्था की गई है, जहां पर स्विटजरलैंड से पिता-पुत्री जंगल की सैर करने के लिए आए हैं। अस्थायी आवासीय व्यवस्था में कमरा, डाय¨नग टेबिल, टॉयलेट समेत सभी प्रकार की सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं। स्विटजरलैंड से आए टूरिस्ट ने जंगल के किनारे गांवों में पर्यटन की संभावनाओं को जागृत कर दिया है। आने वाले समय में जंगल के अंदर के बजाय बाहर रुकने को टूरिस्ट ज्यादा पसंद करेंगे, जिससे गांवों के लोगों को रोजगार भी मिलना तय है। जंगल किनारे गांवों के लोगों का जीवन स्तर सुधरेगा। टाइगर रिजर्व के उप निदेशक आदर्श कुमार का कहना कि जंगल किनारे टेंट लगाकर जंगल सैर करने का काम सराहनीय है। इससे जंगल पर टूरिस्टों को दवाब कम होगा। ईको पर्यटन केंद्र चूकाबीच पर ठहरने की व्यवस्था सीमिति है। इस दिशा सकारात्मक कदम उठाए जाएंगे।
टाइगर रिजर्व के ये पर्यटनस्थल
-ईको पर्यटन केंद्र चूकाबीच
-ईको पर्यटन केंद्र सप्त सरोवर
-माधोटांडा स्थित गोमती उदगम स्थल
-माला जंगल में हनुमान मंदिर
-बाइफरकेशन में नहरों का जंक्शन
ईको टूरिज्म स्थल चूका पर आवासीय व्यवस्था
ईको पर्यटन केंद्र चूकाबीच पर देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए आवासीय व्यवस्था की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। चूकाबीच पर चार थारू हट, एक ट्री हट, बैंबू हट आदि में ऑनलाइन बु¨कग कराकर ठहरा जा सकता है। जंगल के अंदर हट्स फुल होने पर शहर के होटलों में ठहरने की बेहतर सुविधा उपलब्ध है।
देशी-विदेशी टूरिस्ट ऐसे पहुंचे टाइगर रिजर्व जंगल
टाइगर रिजर्व के जंगल की सैर करने के लिए देशी-विदेशी टूरिस्ट आ रहे हैं। अगर कोई पर्यटक लखनऊ से आ रहा है तो सीधे पूरनपुर होते हुए मुस्तफाबाद पहुंचे। यहां से जंगल सफारी वाहन मिल जाएगा। दिल्ली की ओर से आने वाले टूरिस्ट पीलीभीत के नेहरू ऊर्जा उद्यान से जंगल सफारी वाहन उपलब्ध हो सकेंगे।