अगले साल लखनऊ के लिए दौड़ने लगेगी ट्रेन
पीलीभीतजेएनएन तीन साल से तराईवासियों के लिए प्रदेश की राजधानी दूर हो गई है। इस जिले के तीन साल से तराईवासियों के लिए प्रदेश की राजधानी दूर हो गई है। इस जिले के साथ ही उत्तराखंड के कुमायूं के लोगों के लिए लखनऊ तक जाने का सबसे सुगम रास्ता यही रहा है। पहले यहां से लखनऊ के लिए सीधी ट्रेनें चला करती थीं। मीटरगेज को ब्राडगेज में बदलने के लिए तीन साल पहले ट्रेनों का संचालन बंद कर दिया गया था।
पीलीभीत,जेएनएन : तीन साल से तराईवासियों के लिए प्रदेश की राजधानी दूर हो गई है। इस जिले के साथ ही उत्तराखंड के कुमायूं के लोगों के लिए लखनऊ तक जाने का सबसे सुगम रास्ता यही रहा है। पहले यहां से लखनऊ के लिए सीधी ट्रेनें चला करती थीं। मीटरगेज को ब्राडगेज में बदलने के लिए तीन साल पहले ट्रेनों का संचालन बंद कर दिया गया था। ब्राडगेज कार्य भी रुक रुक कर हो रहा था लेकिन अब इसमें काफी तेजी आ गई है। रेलवे का मानना है कि अगले साल मार्च में इस पर ट्रेनें दौड़ाने का रास्ता साफ हो जाएगा। इससे लखनऊ के साथ ही सीतापुर और लखीमपुर जिलों से पीलीभीत का सीधा जुड़ाव फिर से हो जाएगा। लोगों को रेल का सस्ता सफर मुहैया होगा। पीलीभीत-मैलानी तक ही काम होना है। आगे लखनऊ तक ब्राडगेज पहले ही हो चुका है।
लगभग तीन साल पहले जब रेलवे ने मीटर गेज लाइनों को ब्राडगेज में बदलने के लिए ब्लॉक लिया तो ट्रेनों का संचालन बंद हो गया। ऐसे में पूरनपुर तहसील की बड़ी आबादी के लिए दिक्कतें पैदा हो गईं। पूरनपुर क्षेत्र से बड़ी संख्या में लोग जिला मुख्यालय के लिए आवागमन करते थे। ब्राडगेज का कार्य तो पीलीभीत से लेकर लखनऊ तक होगा था लेकिन मैलानी से लेकर लखनऊ तक काफी तेजी से काम हुआ। ऐसे में मैलानी से ऐशबाग तक बड़ी लाइन डाली जा चुकी है। पीलीभीत से लेकर मैलानी तक 100 किमी क्षेत्र में ब्राडगेज कार्य पहले तो सुस्त गति से रहा लेकिन अब इसमें काफी तेजी आई है। ऐसे में रेलवे अधिकारियों का मानना है कि अगले साल मार्च के बाद पीलीभीत से लखनऊ तक फिर ट्रेनें दौड़ने लगेंगी। सिर्फ आठ किमी तक कुछ समस्या है। इस इलाके में जंगल पड़ता है। ऐसे में वन विभाग से एनओसी लिया जाना आवश्यक है।
इनसेट
पीलीभीत-मैलानी रेल खंड पर ब्राडगेज का कार्य काफी तेजी कराया जा रहा है। पीलीभीत से माला स्टेशन तक आठ किमी रूट पर जंगल के बीच से होकर रेलवे लाइन है। ऐसे में वन विभाग से एनओसी मिलने का इंतजार है। इससे बाद यहां भी तेजी से ब्राडगेज संबंधी सभी व्यवस्थाएं पूर्ण करा ली जाएंगी।
-राजेंद्र सिंह, जनसंपर्क अधिकारी रेलवे मंडल इज्जतनगर