स्कूली बच्चों के सामने आया बाघ
थाना क्षेत्र में कंजा हरैया माला बाजार के संजय गांधी मेमोरियल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के बच्चे बुधवार की सुबह गांव गोयल कॉलोनी से जंगल के रास्ते से जब विद्यालय में पढ़ने के लिए जा रहे थे तभी माला रेंज गोयल कॉलोनी से होते हुए रास्ते में बाघ निकलकर रास्ते में बैठ गया।
संवाद सूत्र, गजरौला (पीलीभीत): थाना क्षेत्र में कंजा हरैया माला बाजार के संजय गांधी मेमोरियल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के बच्चे बुधवार की सुबह गांव गोयल कॉलोनी से जंगल के रास्ते से जब विद्यालय में पढ़ने के लिए जा रहे थे, तभी माला रेंज गोयल कॉलोनी से होते हुए रास्ते में बाघ निकलकर रास्ते में बैठ गया। बाघ को देखते ही बच्चों में दहशत फैल गई। बच्चे घर लौट गए। कुछ देर बाद बाघ चहलकदमी करता हुआ जंगल की ओर लौट गया तब कुछ बच्चे विद्यालय पहुंचे और प्रधानाचार्य को पूरी घटना बताई। अनेक बच्चे दहशत में स्कूल पहुंचे ही नहीं।
सुबह विद्यालय में पढ़ने वाले सूरज विश्वास पुत्र इंद्रजीत विश्वास कक्षा 10, साक्षी दत्त पुत्री राजू दत्त कक्षा 9, शर्मिला कीर्तनिया पुत्री निखिल कीर्तनिया कक्षा 10 का कहना है कि सुबह जब वे विद्यालय जा रहे थे तो रास्ते में एक बाघ बैठा दिखाई दिया। बाघ को देखते ही वे लोग लौट पड़े। कुछ देर बाद बाघ वहां से उठा और चहलकदमी करते हुए जंगल की ओर लौट गया। तब हम लोग अपने विद्यालय पहुंचे। हालांकि अनेक बच्चे जान बचाकर साइकिल लेकर घर वापस हो गए। बच्चों का कहना है कि बाघ कई बार इस रास्ते से गुजरा है, जिससे हम लोगों को डर के मारे स्कूल नहीं आ पा रहे हैं। गौरव गाउन, सौरव मंडल, तरुण हलधर,चांद विश्वास, सुमन विश्वास ,गौरव मंडल, अजय हलदर, वंदना मंडल, कनिका विश्वास आदि का कहना है कि घटना के बारे में विद्यालय के अध्यापकों व प्रधानाचार्य को जानकारी दे दी है। स्कूल की ओर से वन कर्मियों को सूचना दी गई। वन दारोगा मोहम्मद आरिफ ने बताया कि ऐसी कोई सूचना उन्हें अब तक नहीं मिली है।
-सूरज विश्वास पुत्र इंद्रजीत विश्वास कक्षा 10 निवासी गोयल कॉलोनी निवासी ने बताया कि बाघ जंगल के पास रास्ते में ही था। हमारे साथ के लोग वापस हो गए। बाघ जाने के बाद हम लोग स्कूल आए और अपने शिक्षक को पूरी घटना बताई। कई बार इस रास्ते पर बाघ ने लोगों पर हमला किया है। -साक्षी दत्त पुत्री राजू दत्त कक्षा 9 निवासी गोयल कॉलोनी ने बताया कि बाघ रास्ते में बैठा हुआ था। कुछ देर बाद कि बाघ वहां से उठकर जंगल की तरफ जा रहा है। साथ के कुछ बच्चे डर के मारे वापस घर चले गए। बाघ चले जाने के बाद हम अन्य लोगों के साथ स्कूल आ गए। प्रिसिपल सत्यजीत को सारी बात बताई।